प्रवेश एवं निकास की नयी व्यवस्था

महावीर मन्दिर में प्रवेश एवं निकास की नयी व्यवस्था


temple layout mahavir Mandir, Patna
 


महावीर मन्दिर में भक्तों की भी भीड़ में वृद्धि के कारण दिनांक 4 जुलाई 2019 बृहस्पतिवार, रथयात्रा के शुभ दिन से मन्दिर की बाहरी व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन किया जा रहा है।

 

1. मन्दिर में प्रवेश

अब मन्दिर परिसर का पूर्वी प्रवेश द्वार बन्द रहेगा, किन्तु पूरब में स्थित जूता काउन्टर चलते रहेंगे। भक्तगण जूता-चप्पल जमा करने के बाद उत्तर होते हुए उत्तरी प्रवेश द्वार से अन्दर आयेंगे।

 

2. हाथ-पैर धोने हेतु जल की व्यवस्था

उत्तर पूर्व कोण पर हाथ-पाँव धोने का प्रबन्ध पुरुषों एवं महिलाओं के लिए किया गया है। इसके अतिरिक्त गुरुद्वारों की तरह चलते पानी से पाँव पखारने का भी प्रबन्ध किया गया है।

 

3. नैवेद्यम् एवं फूलमाला का काउण्टर

नैवेद्यम् एवं माला विक्रय काउण्टर भी उत्तर की ओर ही रखा गया है।

4. निकास

मन्दिर में दर्शन करने के बाद हनुमानजी के मन्दिर के ईशान (पूर्व-उत्तर) कोने के द्वार से प्लेटफार्म से होते हुए सीढ़ी से उतर कर पुनः जूता-स्टैण्ड के पास पहुँचेंगे।

 

5. जूता-स्टैंड की संख्या

जूता-स्टैंड की संख्या नयी व्यवस्था में कुछ दिनों में तिगुनी हो जायेगी। अभी मंगल एवं शनिवार को भक्तों को कठिनाई होती है।

 

6. वाहन की पार्किंग हेतु समुचित व्यवस्था का प्रयास

मन्दिर के उत्तर ओभरब्रिज के नीचे वाली जमीन महावीर मन्दिर के भक्तों को पार्किंग के लिए उपलब्ध कराया जाय, ऐसा पत्राचार बिहार सरकार के सम्बन्धित विभागों से किया गया है। सब कुछ ठीक रहने पर वह स्थान मिलने की भी सम्भावना है।

 

7. चढा हुआ प्रसाद “अर्पितम्” उपलब्ध कराना

4 जुलाई, 2019 से मन्दिर में बिकने वाले लड्डू दो प्रकार के होंगे। पूर्ववत् नैवेद्यम् का विक्रय जारी रहेगा। यह 1 किलोग्राम, 500 ग्राम एवं 250 ग्राम के डिब्बे में मिलेगा। अभी की व्यवस्था के अनुसार मन्दिर में जिनको नैवेद्यम् चढ़ाना होता है, उन्हें पंक्तिबद्ध आना पड़ता है और जो खाली हाथ आते हैं उन्हें पंक्ति में नहीं लगना पड़ता है, किन्तु उनकी भी इच्छा होती है कि हनुमानजी का चढ़ा हुआ प्रसाद मिले। अतः ऐसे भक्तों विशेषकर वरीय नागरिक के अनुरोध पर अब यह व्यवस्था की जा रही है कि मन्दिर में चढ़ाया हुआ लड्डू प्रसाद भी भक्तों को “अर्पितम्” नाम से उपलब्ध होगा।

 

8. नैवेद्यम् एवं अर्पितम् की पैकिंग एवं मूल्य

नैवेद्यम् को अब आधुनिक उपकरणों की सहायता से बनाया जा रहा है, अतः इसमें अव गुणवत्ता बढ गयी है। डिब्बे को भी परिष्कृत कर ऐसा बनाया गया है कि गोंद का प्रयोग जो पहले होता था, अब वह नहीं होगा। अर्पितम् को भी पारदर्शी प्लास्टिक के डिब्बे में रखा जायेगा, जिसपर प्रतिबन्ध भी नहीं है। मन्दिर में सिक्कों की बहुत भारी संख्या होने के कारण नैवेद्यम्/अर्पितम् का मूल्य ऐसा रखा गया है कि सिक्कों की खपत हो सके। अतः अर्पितम् 200 ग्राम के 1 लड्डू की कीमत 58 रु. होगी, जबकि नैवेद्यम् 1 किलो की कीमत 264 रु., 500 ग्राम की कीमत 132 रु. और 250 ग्राम की कीमत 66 रु. होगी।
नैवेद्यम् एवं अर्पितम् में यह अन्तर है कि नैवेद्यम् भगवान को चढ़ाने वाला भोग प्रसाद है जबकि अर्पितम् तिरुपति के लड्डू की तरह भगवान का चढ़ाया हुआ प्रसाद है। नैवेद्यम् को भगवान् को चढ़ाए वगैरह इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए जबकि अर्पितम् भगवान का चढ़ा हुआ प्रसाद है जिसे भगवान् को फिर नहीं चढ़ाया जा सकता है इसका उपयोग सीधे किया जा सकता है।

 

9. अन्य जनोपयोगी कार्य

मन्दिर परिसर के अंदर राशि-रत्न एवं धार्मिक पुस्तकों तथा पूजा-सामग्री की बिक्री तथा ज्योतिष एवं कुण्डली-निर्माण का कार्य होगा।

 

10.मन्दिर सौन्दर्यीकरण की योजना

मन्दिर परिसर में और भी व्यापक परिवर्तन होने वाले हैं, जैसे शिव-पार्वती मन्दिर एवं उत्तरी सिंह द्वार के बीच अस्थायी छत देकर देखा जायेगा कि इससे मन्दिर के सौंदर्यीकरण में वृद्धि हो रही है या नहीं। यदि सुन्दर लगेगा तो उसे स्थायी कर दिया जायेगा।
इस नयी व्यवस्था को सुन्दर और सहज बनाने के लिए भक्तों का जो सुझाव होगा, उसका स्वागत किया जायेगा।

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