Tag: Dharmayan
-
सम्पादकीय “आश्विन मास, इतिहास तथा पुराणों के सन्दर्भ में” पण्डित भवनाथ झा
दुर्गा-पूजा प्रमुख रूप से आश्विन मास में मनाया जाता है। आश्विन के नवरात्र को वार्षिक-पूजन कहा गया है। यह एक सहज प्रश्न है कि आश्विन मास ... -
धर्मायण अंक संख्या 111, आश्विन, 2078 का अंक free pdf magazine
यह अंक विषयों की विविधता से भरा हुआ है। इसमें भारत की शक्ति-उपासना, कृष्ण-उपासना, गणेश-उपासना, पितृ-उपासना, लक्ष्मी-उपासना तथा लोकदेवताओं की उपासना से सम्बन्धित प्रामाणिक सामग्री संकलित ... -
धर्मायण अंक संख्या 111, आश्विन, 2078 का अंक फ्लिपबुक
यह अंक विषयों की विविधता से भरा हुआ है। इसमें भारत की शक्ति-उपासना, कृष्ण-उपासना, गणेश-उपासना, पितृ-उपासना, लक्ष्मी-उपासना तथा लोकदेवताओं की उपासना से सम्बन्धित प्रामाणिक सामग्री संकलित ... -
धर्मायण, अंक संख्या 111, आश्विन मास का अंक
आश्विन का मास शऱत् ऋतु के आरम्भ होने का मास है। वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद पृथ्वी संतृप्त होकर नयी सृष्टि करने के लिए तैयार ... -
10. ब्रह्मतत्त्व-विमर्श- डॉ. धीरेन्द्र झा
भारत ब्रह्मदर्शन का राष्ट्र रहा है। यहाँ हम चिन्तन के उस स्तर पर पहुँचे हुए हैं, जहाँ चराचर जगत् में सभी पदार्थों में एकता का भाव ... -
9. कालिदासकृत रघुवंश की रामायण-कथा- आचार्य सीताराम चतुर्वेदी
यह हमारा सौभाग्य रहा है कि देश के अप्रतिम विद्वान् आचार्य सीताराम चतुर्वेदी हमारे यहाँ अतिथिदेव के रूप में करीब ढाई वर्ष रहे और हमारे आग्रह ... -
6. ऋषि परम्परा में सप्तर्षि- डॉ. ललित मोहन जोशी
ऋषि हमारे शरीर के अंगों पर अवस्थित माने गये हैं। यह अवधारणा बृहदारण्यक उपनिषद् से चलकर आज भी मन्त्रों के अङ्गन्यास तथा करन्यास में संरक्षित ... -
3. ऋषि : कृषि और ज्ञान-विज्ञान के प्रवर्तक- डॉ. श्रीकृष्ण “जुगनू”
सप्तर्षि हमारी ज्ञान परम्परा के व्यावहारिक पक्ष के प्रवर्तक रहे हैं। उन्होंने न केवल हमारी दिनचर्या, तथा समाजचर्या पर उपदेश किया बल्कि कृषि-विज्ञान, पर भी प्रकाश ... -
1. ऋषि, सप्तर्षि एवं उनके स्वरूप- डा. रामाधार शर्मा
जब हम तारों से भरे आकाश को रात में देखते हैं तो कुछ तारों का समूह हमें दिखाई पड़ता है। इस पूरे समूह का स्थान समय ... -
धर्मायण अंक संख्या 110, सप्तर्षि अंक
महावीर मन्दिर पटना के द्वारा प्रकाशित धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की पत्रिका धर्मायण का सप्तर्षि विशेषांक।
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक