महावीर मन्दिर देश के प्रमुख मन्दिरों में क्यों माना जाता हैं?
1 JIO कम्पनी के द्वारा लाइव दर्शन के लिए सम्पूर्ण देश से चुने गये मन्दिरों में इसका 7वाँ स्थान है, जहाँ लाइव दर्शन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।
यह उत्तर भारत का पहला मन्दिर है, जहाँ लाइव दर्शन की सुविधा है।
यह देश का पहला हनुमान मन्दिर है, जहाँ लाइव दर्शन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।
2. अयोध्या के सदियों के ज्ञात इतिहास में यह पहला मन्दिर है जो निःशुल्क भोजन की व्यवस्था उपलब्ध करा रहा है। प्रतिदिन यहा सैकड़ों की संख्या तीर्थयात्री राम-रसोई में सम्मिलित होते हैं तथा महावीर मन्दिर के जनकल्याण के कार्यों को देश के कोने कोने में फैला रहे हैं।

3. सम्प्रति जबकि राम-रसोई का सामुदायिक भोजन कोरोना वायरस के कारण बन्द है, इसके द्वारा अयोध्या तथा इसके आसपास के सभी जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रतिदिन 2000 से 3000 लोगों के बीच भोजन वितरित किये जा रहे हैं।

4. यह देश का पहला मन्दिर है, जो मुकदमा जीतने के बाद अयोध्या में तम्बू से अपने नये अस्थायी मन्दिर में आने के उपरान्त पहली रामनवमी के दिन रामलला के भोग के लिए लड्डू और हलवा उपलब्ध करा रहा है। रामलला के इस दैनिक भोग के लिए गोविन्द भोग चावल उपलब्ध कराया गया है जो कैमूर की पहाडियों पर ईशा की पहली शती में निर्मित मुण्डेश्वरी मन्दिर से निकलनेवाले जल से पवित्र जमीन पर उपजता है।
5. यह देश का पहला मन्दिर है, जो सीतामाता के जन्मस्थान सीतामढी में सीता-रसोई का सफल संचालन कर रहा है। यहाँ सभी तीर्थयात्रियों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
6. यह देश का पहला मन्दिर है, जिसने अयोध्या में राममन्दिर के निर्माण के लिए दिनांक 9 नवम्बर, 2019 को मुकदमा जीतने के तुरत बाद 10 करोड़ रुपया देने का प्रस्ताव दिया। इसने 2 करोड़ की राशि भी उपलब्ध करा दी है।

7. यह देश का पहला मन्दिर है जिसने रामजन्मभूमि के लिए वाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में तथा उच्चतम न्यायालय में दोनों जगहों पर विधिक सहायता प्रदान की।
8. यह देश का पहला मन्दिर है जो 18 वर्ष तक के सभी कैंसर मरोजों के लिए कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध करा रहा है।
यह देश का पहला मन्दिर है जो मरीजों के लिए महज 100 रुपये प्रति यूनिट रक्त उपलब्ध करा रहा रहा है तथा अस्पलाल में भर्ती लगभग 600 मरीजों को प्रतिदिन निःशुल्क भोजन की सुविधा दे रहा है।
यह देश का पहला मन्दिर है जो जन्मजात हृदय छिद्रवाले मरीजों की निःशुल्क शल्य चिकित्सा की सुविधा दिनांक 28 मार्च से उपलब्ध कराने जा रहा था, किन्तु कोरोना वायरस के कारण बंदी की स्थिति में इसे टाल दिया गया है। यह स्थिति सामान्य होते ही शीघ्र आरम्भ होगी।
यह उत्तर भारत का पहला मन्दिर है जिसने 5 बड़े अस्पतालों की स्थापना की है- कैंसर अस्पताल (महावीर कैंसर संस्थान,) शिशु एवं मातृत्व अस्पताल (महावीर वात्सल्य अस्पताल) ये दोनों देश के उत्तम अस्पतालों में गिने जाते हैं।
9. यह देश का पहला मन्दिर है जिसने बहुत पहले 13 जून 1993 को ही दलित पुजारी की नियुक्ति अयोध्या के स्व. रामचन्द्र परमहंस, स्व. योगी अवेद्यनाथ जैसे उस समय के देश के सम्मानित धर्मधुरंधरो की उपस्थिति में की थी।
10. यह देश का पहला मन्दिर है जिसने कोरोना वायरस से बचाव के लिए 1 करोड़ रुपये का दान किया। इसने बिहार के मुख्यमन्त्री राहत कोष में इस राशि का 26 मार्च, 2020 को अंतरण किया।

11. यह देश के गिने चुने मन्दिरों में से एक है जिसने आयास कर सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों के बीच सौहार्द स्थापित करने कार्य किया है।
12. यह उत्तर भारत का पहला मन्दिर है जो धार्मिक क्रिया-कलापों को जन-कल्याण के कार्यों से जोडा है तथा मन्दिर आय की शेष राशि को वैधानिक रूप से श्रद्धालुओं के हित के लिए खर्च रहा है।
13. यह देश का एक मात्र हनुमान मन्दिर है जहाँ एक ही गर्भगृह में हनुमानजी के दो विग्रह हैं। यह आस्था है कि इनमें से एक दुष्टों का संहार करते हैं तथा दूसरे भक्तों की कामना पूर्ण करते हैं। इसे ‘मनोकामना-पूरन मन्दिर’ कहा जाता है।

14. यह देश के कुछ गिने चुने मन्दिरों में एक है, जहाँ अन्य प्रतिमाओं के साथ बुद्धदेव की भी पूजा होती है। इस मन्दिर में बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है।
इस मन्दिर में राम को बेर अर्पित करती हुए भक्तिन शबरी की मूर्ति स्थापित है जो सबके द्वारा पूजित है।
15. रामनवमी के अवसर पर अयोध्या के बाद यहाँ सबसे अधिक श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं।
16. तिरुपति मन्दिर में लड्डू की लोक-प्रसिद्ध बिक्री के अलावा यह देश का दूसरा सबसे बड़ा मन्दिर है जहाँ नैवेद्यम् (भगवान के भोग के रूप में लड्डू) की सबसे अधिक बिक्री होती है।
17. यह देश के उन मन्दिरों में एक है जो पारम्परिक रूप से तीर्थ नहीं हैं लेकिन कम समय में ही यह इतना स्थापित हो चुका है कि यह देश के दूसरे भागों में भी प्रभावशाली बन गया है।
Honesty in the administration of temple nyas samiti.All persons involved in the organisation are doing their job with full dedication and as per sanatan dharm.