Dharmayan vol. 110 Saptarshi Ank

आज आवश्यकता है कि हम ऋषि-परम्परा तथा सप्तर्षि की परम्परा को व्यापक रूप में देखें। हम उस पुलह और काश्यप ऋषि को भी जानें, जिन्होंने हमें खेती करना सिखाया। उस विश्वामित्र को भी जानें जो वास्तु-विज्ञान के प्रवर्तक रहे। यदि हम ऋषियों की मौलिक परम्परा को जानेंगे तो हमें स्पष्ट प्रतीत होगा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति के ही नहीं, बल्कि पूरी सृष्टि-प्रक्रिया के आधार हैं।