धर्मायण, अंक संख्या 116 शिव-तत्त्व अंक
‘धर्मायणʼ का अगला फाल्गुन मास का अंक इस बार भगवान् शिव को समर्पित है। फाल्गुन मास में कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि महापर्व मनाया जाता है, जिसके सम्बन्ध में लोक-प्रचलन है कि इस दिन शिव-विवाह हुआ था, जबकि सभी पुराण एकमत से इस दिन शिवलिंग की उत्पत्ति का उल्लेख करते हैं। बिहार में मिथिला क्षेत्र में शिवोपासना की विशिष्ट परम्परा है। यहाँ उमा-महेश्वर की अनेक मूर्तियाँ मिली है तथा शिव एवं राम की उपासना एक साथ करने के अनेक पुरातात्त्विक साक्ष्य मिले हैं। झारखण्ड का प्रसिद्ध देवघर मन्दिर द्वादश-ज्योतिर्लिङ्ग में परिगणित है। प्रसिद्ध इतिहासकार राजेन्द्र लाल मित्र ने इसका प्रतिपादन किया है।
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