आलेख संख्या- 4. “श्रीकृष्ण बाललीला अवस्था विमर्श” लेखक- शत्रुघ्नश्रीनिवासाचार्य पण्डित शम्भुनाथ शास्त्री ‘वेदान्ती’

महावीर मन्दिर पटना के द्वारा प्रकाशित धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की पत्रिका ‘धर्मायण’ का आश्विन मास का अंक।
अंक संख्या 111। आश्विन, 2078 विक्रम संवत्। 21 सितम्बर से 20 अक्टूबर 2021ई. तक
प्रधान सम्पादक- आचार्य किशोर कुणाल। सम्पादक- पंडित भवनाथ झा।
महावीर मन्दिर के द्वारा वर्तमान में पत्रिका का केवल ऑनलाइन डिजटल संस्करण ई-बुक के रूप में निःशुल्क प्रकाशित किया जा रहा है।
प्रस्तुत अंक विषयों की विविधता से भरा हुआ है। इसमें भारत की शक्ति-उपासना, कृष्ण-उपासना, गणेश-उपासना, पितृ-उपासना, लक्ष्मी-उपासना तथा लोकदेवताओं की उपासना से सम्बन्धित प्रामाणिक सामग्री संकलित किये गये हैं। साथ ही, विशिष्ट आलेख के रूप में धर्म के स्रोतों पर विवेचन किया गया है।
आलेख संख्या- 4. “श्रीकृष्ण बाललीला अवस्था विमर्श” लेखक- शत्रुघ्नश्रीनिवासाचार्य पण्डित शम्भुनाथ शास्त्री ‘वेदान्ती’
आनन्दकन्द भगवान् श्रीकृष्ण की लीला यमुना के तट पर गोप-गोपियों के बीच हुई थी, जिसे लेकर अनेक भ्रान्तियाँ काव्यों, चित्रों तथा कथाओं के माध्यम से फैलाये जा रहे हैं। वास्तविकता है कि भागवतकार ने उऩकी लीलाओं में उनकी उम्र का भी उल्लेख किया है। गोवर्द्धन पर्वत उठाते समय वे केवल सात वर्ष के थे। कंस का वध उन्होंने आठवें वर्ष में किया था। इस विषय पर अवस्था निर्णय करते हुए भागवत के मर्मज्ञ विद्वान् द्वारा प्रस्तुत दो अंकों में समाप्य यह धारावाहिक आलेख यहाँ प्रकाशित है।
शास्त्री, शम्भुनाथ वेदान्ती,शत्रुघ्नश्रीनिवासाचार्य “श्रीकृष्ण बाललीला अवस्था विमर्श”, प्रथम भाग, धर्मायण, अक सं. 111, आश्विन अंक, महावीर मन्दिर पटना, आश्विन, 2078, (सितम्बर-अक्टूबर 2021ई.), पटना, पृ. 36-38.
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक