आलेख संख्या- 11. “जीमूतवाहन की आराधना का लोकपर्व जितिया” लेखक श्रीमती रंजू मिश्र
महावीर मन्दिर पटना के द्वारा प्रकाशित धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की पत्रिका ‘धर्मायण’ का आश्विन मास का अंक।
अंक संख्या 111। आश्विन, 2078 विक्रम संवत्। 21 सितम्बर से 20 अक्टूबर 2021ई. तक
प्रधान सम्पादक- आचार्य किशोर कुणाल। सम्पादक- पंडित भवनाथ झा।
महावीर मन्दिर के द्वारा वर्तमान में पत्रिका का केवल ऑनलाइन डिजटल संस्करण ई-बुक के रूप में निःशुल्क प्रकाशित किया जा रहा है।
प्रस्तुत अंक विषयों की विविधता से भरा हुआ है। इसमें भारत की शक्ति-उपासना, कृष्ण-उपासना, गणेश-उपासना, पितृ-उपासना, लक्ष्मी-उपासना तथा लोकदेवताओं की उपासना से सम्बन्धित प्रामाणिक सामग्री संकलित किये गये हैं। साथ ही, विशिष्ट आलेख के रूप में धर्म के स्रोतों पर विवेचन किया गया है।
आलेख संख्या- 11. “जीमूतवाहन की आराधना का लोकपर्व जितिया” लेखक श्रीमती रंजू मिश्र
आश्विन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को विद्याधरों के राजा जीमूतवाहन की उपासना की जाती है। ये जीमूतवाहन बोधिसत्त्व के रूप माने गये हैं, जिन्होंने माता की प्रार्थना पर उसके पुत्र एक नाग को बचाने के लिए अपना शरीर गरुड़ को अर्पित कर दिया था। ऐसे करुणामय, परोपकारी लोकदेवता की पूजा सनातन परम्परा में भी होती है। यह बौद्धों और सनातनियों का एकता का प्रमाण है।
मिश्र, रंजू,, “जीमूतवाहन की आराधना का लोकपर्व जितिया”, धर्मायण, अक सं. 111, आश्विन अंक, महावीर मन्दिर पटना, आश्विन, 2078, (सितम्बर-अक्टूबर 2021ई.), पटना, पृ. 64-68.
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक