3.पुराणों में जगन्नाथ तत्त्व- आचार्या कीर्ति शर्मा
यहाँ भगवान् जगन्नाथ की पौराणिक कथा का संक्षिप्त उल्लेख कर लेखिका ने इसके माहात्म्य का वर्णन किया है। इसकी प्रमुख कथा स्कन्द पुराण के वैष्णव खण्ड में है किन्तु ब्रह्म पुराण में भी भदवान् जगन्नाथ की कथा आयी है। कथा का स्वरूप समान है, किन्तु ब्रह्मपुराण में स्तुतियाँ मार्मिक हैं। संक्षिप्त होने के कारण अधिक सुगठित है। लेखिका ने इसी ब्रह्मपुराणीय कथा को यहाँ मुख्य आधार बनाया है।
सन्दर्भ
- शर्मा, आचार्या कीर्ति, “पुराणों में जगन्नाथ तत्त्व”, धर्मायण, अंक 108, आषाढ़, 2078 वि.सं., जून-जुलाई, 2021 ई., महावीर मन्दिर, पटना, पृ. 20-23.
- Sharma, Acharya Kirti, “Jagannath Tattva in Puranas”, (A paper in Hindi language), Dharmayan, Issue 108, Ashadh, 2078 Vs., June-July, 2021 AD, Mahavir Mandir, Patna, p. 20-23.
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक