नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन महावीर मन्दिर में कुल 9 कलश स्थापित किए गए।
महावीर मन्दिर में स्थापित हुए 9 कलश, 7 भक्तों की ओर से
गुरुवार को नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन महावीर मन्दिर में कुल 9 कलश स्थापित किए गए। मन्दिर प्रबंधन की ओर से प्रथम तल पर स्थित मां दुर्गा की स्थाई प्रतिमा के समक्ष और मन्दिर परिसर में ईशान कोण पर बने अस्थाई पंडाल में एक-एक कलश स्थापित किए गए।
पुरोहित के रूप में पंडित जटेश झा और यजमान के तौर पर महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने पूरे विधि विधान से मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर दुर्गा सप्तशती का सामान्य और सम्पुट पाठ किया गया। आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि दुर्गा सप्तशती सनातन धर्म के पांच सबसे लोकप्रिय ग्रन्थों में एक है। ऐसे लोकप्रिय सनातन धार्मिक ग्रन्थों में बाल्मीकि रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, भागवत पुराण और रामचरितमानस शामिल हैं।
महावीर मन्दिर में नवरात्रि के अवसर पर दुर्गा सप्तशती के सामान्य और सम्पुट दोनों पाठ किए जाते हैं।आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि दुर्गा पूजा भारत के हर कोने में पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
7 भक्तों की ओर से भी कलश रखे गए
महावीर मन्दिर में 7 भक्तों की ओर से भी कलश स्थापित किए गए हैं। ऐसे भक्तों के नाम, गोत्र आदि के संकल्प के साथ पूरे विधि-विधान से कलश स्थापन किया गया है। मन्दिर के पुरोहित की ओर से उनके नाम पर दुर्गा सप्तशती का सामान्य और सम्पुट पाठ किया जा रहा है।
पूरे नवरात्रि के दौरान इन भक्तों के नाम पर दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ होगा। दैनिक रूप से भी भक्तों की ओर से दुर्गा सप्तशती पाठ की रसीद कटाई गई है। कलश स्थापन के साथ नियमित पाठ के लिए निर्धारित शुल्क 5001 रुपये मात्र है। दैनिक सामान्य पाठ के लिए 501 और सम्पुट पाठ के लिए निर्धारित शुल्क 1001 रुपये मात्र है।
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