अयोध्या में रामलल्ला जी के अस्थायी मन्दिर में महावीर मन्दिर पटना की सेवा
- महावीर मन्दिर, पटना ने 1,125 किग्रा देसी घी रामलल्ला जी को अर्पित किया।
- रामलला के दरबार में जलेगा अखंड दीपक तथा होगी पाँचो बार आरती।
- कर्नाटक की गायों के दूध से बने शुद्ध घी से जलेगी अखंड ज्योति तथा पाँच बार आरती।
- महावीर ट्रस्ट ने चांदी की अखंड-ज्योति भी अर्पित की।
- बुधवार को राम मंदिर का नक्शा मंजूर करने के लिए होगी बैठक।
अयोध्या में अखण्ड दीप तथा पाँचो बार आरती के लिए भी घी सौंपा गया।
(पूर्व प्रस्तावित 25 टीन के बदले 75 टीन दिया गया)
राम जन्मभूमि पर राम लल्लाजी का जो अस्थायी मन्दिर है, उसमें हाल में ही अखण्ड-दीप प्रारम्भ हुआ है। यहाँ साधारण घी जलता था। महावीर मन्दिर न्यास ने रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के सचिव श्री चम्पत राय एवं रामजन्मभूमि मन्दिर के मुख्य मुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास को यह सुझाव दिया था कि अखण्ड-दीप में गाय के शुद्ध घी का व्यवहार किया जाना चाहिए और यदि तीर्थक्षेत्र की अनुमति मिलती है, तो महावीर मन्दिर गाय के शुद्ध घी का प्रबन्ध अखण्ड दीप के लिए करेगा।
दिनांक 01 सितम्बर, 2020 को अनन्त चतुर्दशी के पावन अवसर पर महावीर मन्दिर की ओर से आचार्य किशोर कुणाल ने रामजन्म भूमि तीर्थ न्यास को एक साल अखण्ड दीप जलते रहने के लिए तथा पाँचो बार आरती के लिए 75 टीन (75× 15 किलो) शुद्ध घी सौंपा। इसे स्वीकार करने के लिए रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के सचिव श्री चम्पत राय स्वयं आये थे। इसी घी से प्रतिदिन पाँच बार आरती भी होगी तथा अखण्ड दीप जलता रहेगा। पहले केवल अखण्ड दीप के लिए घी उपलब्ध कराने की योजना थी, लेकिन आज सौंपते समय वार्ता के बाद पाँचो बार आरती के लिए भी घी देने की बात हुई अतः पूर्व प्रस्तावित 25 टीन से बढा कर 75 टीन सौंपा गया। एक दिन के अखण्ड दीप में करीब एक किलो घी लगता है।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि महावीर मन्दिर का ‘नैवेद्यम्’ गाय के शुद्ध घी में बनता है जो यह कर्णाटक मिल्क फेडरेशन के नन्दिनी के रूप में बंगलोर से आता है। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के अनुरोध पर रामजन्मभूमि तीर्थन्यास ने यह अनुमति दे दी है। अतः अब अनन्त चतुर्दशी यानी 1 सितम्बर 2020ई. से नन्दिनी शुद्ध घी से ही राम मन्दिर में अखण्ड दीप जलेगा तथा पाँचो बार आरती होगी। इसके लिए घी आज अनन्त चतुर्दशी के अवसर पर सौंप दिया गया।
महावीर मन्दिर न्यास द्वारा प्रस्तुत मोकरी के गोविन्द भोग चावल से ही राम ललाजी का भोग लगता है। महावीर मन्दिर न्यास ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दिन ही 10 करोड़ र. देने की घोषणा की थी और 2 अप्रैल को जिस दिन तीर्थक्षेत्र का खाता खुला, महावीर मन्दिर न्यास की ओर से पहला चन्दा दो करोड़ रुपया चेक द्वारा जमा किया गया। भूमि-पूजन के अवसर पर महावीर मन्दिर ने अयोध्या में सवा लाख लड्डू बनवाये, जिसका वितरण अयोध्या, बिहार और देश के अनेक हिस्सों में किया गया।
इन सब कार्यों के कारण महावीर मन्दिर, पटना रामजन्मभूमि मन्दिर के साथ एकदम जुड़ गया है और अब देश के हर भाग में इसकी ख्याति हो चली है। अयोध्या में भत्तफ़ों के लिए निःशुल्क राम रसोई के कारण भी इसकी प्रतिष्ठा में चार चाँद लगे हैं। महावीर मन्दिर, पटना का सम्बन्ध अयोध्या से पुराना है और रामजी के मन्दिर के निर्माण में हनुमानजी के मन्दिर का योगदान काफी अधिक हैं।
महावीर मन्दिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल की अयोध्या पर दो पुस्तकों के कारण सुप्रीम कोर्ट में मन्दिर के पक्ष में फैसला आने के कारण रामजन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण के लिए भूमि-पूजन के पावन अवसर पर महावीर मन्दिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल को विशेष रूप से आमन्त्रित किया गया था। कुल 172 व्यक्तियों में 136 साधु-सन्त थे और शेष 36 व्यक्तियों में से मन्दिर आन्दोलन से जुड़े व्यक्तियों के अलावे किशोर कुणाल दो-चार गणमान्य व्यक्तियों में से थे, जिन्हें आमन्त्रण मिला था।
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