Tag: सनातन धर्म
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धर्मायण अंक संख्या 142 गृहस्थ-आश्रम-विशेषांक
गृहस्थ आश्रम की मर्यादा भारतीय परम्परा में बहुत अधिक है। इनमें से गृहस्थ चूँकि संसाधनों के उत्पादक होते हैं अतः इनकी महत्ता सर्वोपरि है। इसी आश्रम ... -
श्रीराम का पट्टाभिषेक (उत्तर भारतीय कर्मकाण्ड की दृष्टि से विवेचन)- पं. मार्कण्डेय शारदेय
यूरोपीयन विद्वानों ने आर्य-संस्कृति और द्राविड़-संस्कृति का भेद-भाव फैलाकर उत्तर एवं दक्षिण भारत को अलग दिखाने का भरपूर प्रयास किया। लेकिन सच्चाई है कि सनातन धर्म ...
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक