Dharmayan vol. 104 Sant Ravidas Ank
मध्यकाल में सासाजिक भेद-भाव दूर करने में अग्रणी सुधारक स्वामी रामानन्द के शिष्य सन्त रैदास वस्तुतः अपने गुरु आचार्य रामानन्द के द्वारा प्रवर्तित रामावत पंथ के ध्वजवाहक थे।Continue Reading
Dharmayan vol. 103 Ramanandacharya Ank
स्वामी रामानन्दाचार्य समद्रष्टा धर्माचार्य, दूरद्रष्टा दार्शनिक और युगप्रवर्तक महापुरुष थे। उनका व्यक्तित्व बहुत विराट् था। वे उस विशाल वट-वृक्ष की तरह थे,Continue Reading
Dharmayan vol. 102 Khara-masa Ank
इस मास में भी अनेक व्रतों का विधान किया गया है। एकादशी, दशमी, अमावस्या, सप्तमी, अष्टमी आदि तिथियों में व्रतों के विधान किये गये हैं। आज आवश्यकता है कि हम खरमास नाम के कारण उन भ्रान्तियों को दूर करें तथा कुछ अज्ञानी ज्योतिषियों के द्वारा फैलायी गयी कहानियों पर ध्यान न दें।Continue Reading
Dharmayan vol. 101 Vaishnava-upasana Ank
महावीर मंदिर की ओर से प्रकाशित धर्मायण पत्रिका का 101वाँ अंक वैष्णव-उपासना विशेषांक कई अर्थों में विशेष है। इस अंक में भगवान् विष्णु एवं उनसे सम्बद्ध देवों की उपासना एवं इसकी महत्ता पर विशेष सामग्री प्रकाशित है। Continue Reading
Dharmayan vol. 99 Valmiki Ramayana Ank
आज एक सामान्य अवधारणा बन गयी है कि वाल्मीकि-रामायण का मुंबई-संस्करण जो गीता प्रेस से प्रकाशित है, वहीं एक मात्र पाठ है। जबकि सच्चाई है कि गीता प्रेस का पाठ रामायण का केवल दक्षिण-पश्चिम भारत का पाठ है। पूर्वोत्तर तथा पश्चिमोत्तर भारत का पाठ बहुत अंश में भिन्न हैं। पश्चिमोत्तर पाठ का प्रकाशन लाहौर से हुआ था तथा पूर्वोत्तर पाठ का प्रकाशन कलकत्ता से हुआ था। रामायण पर की गयी विवेचना इन पाठों को देखा बिना पूरी नहीं हो सकती, क्योंकि 1000 वर्ष पुरानी पाण्डुलिपि पूर्वोत्तर पाठ की ही मिलती है।Continue Reading
सन्त रविदास
धर्मायण, अंक संख्या 104, फाल्गुन मास, 2077 विक्रम संवत् प्रधान सम्पादक- आचार्य किशोर कुणाल सम्पादक- पं. भवनाथ झाContinue Reading
Dr. Mamata mishra
M.A. Ph.D in Sanskrit, Sahityacharya, M.A. in Odia, Rashtrabhasha RatnaContinue Reading
Sarasvati in Vedic Mythology
अनेक इतिहासकारों ने लिखा है कि वैदिक साहित्य में सरस्वती का उल्लेख केवल नदी के रूप में है, ज्ञान की देवी के रूप में नहीं। इसका खण्डन करते हुए यहाँ दिखाया गया है कि सरस्वती वाणी की देवी के रूप में वैदिक साहित्य में भी वर्णित हैं Continue Reading
महावीर मन्दिरस्य मासिक-पत्रिकायाः रामानन्दाचार्य-विशेषाङ्कः प्रकाशितः
अद्य पाटलिपुत्रस्थितस्य महावीर मन्दिरस्य मासिक-पत्रिकायाः रामानन्दाचार्य-विशेषाङ्कः प्रकाशितः स्वामिनो रामानन्दाचार्यस्य जयन्ती अद्य स्वामिनो रामानन्दाचार्यस्य जन्मदिनम्। परम्परया माघ मासे कृष्णपक्षे सप्तम्यां तिथौ रामानन्द-जयन्ती मन्यते अस्माभिः। ख्रीष्टाब्दस्य पञ्चदश-शताब्द्यां तेन समाजसुधारकेण जातिभेदं अविगणय्य समाजे सर्वेषां जनानां कृते धर्माधिकारः प्रस्तुतः। स्वयं स जन्मना विप्रः कबीरदासं तन्तुवायं, रविदासं च चर्मकारं राम-मन्त्रे दीक्षितं कृतवान्। तस्य उद्घोष आसीत्Continue Reading
महावीर मन्दिर की पत्रिका “धर्मायण” के रामानन्दाचार्य विशेषांक का डिजिटल लोकार्पण
महावीर मन्दिर की पत्रिका “धर्मायण” के रामानन्दाचार्य विशेषांक का डिजिटल लोकार्पण।Continue Reading
Special issue of “Dharmayan” magazine on Ramanandacharya
On the occasion of this event the religious, cultural, and national magazine of Mahavir Temple, “Dharmayan” is being launched as “Jagadguru Ramanandacharya Special Issue”.Continue Reading
कबीर दास के गुरु कौन थे?
मोहसिन फानी 17वीं शताब्दी के एक इतिहासकार यात्री थे। उन्होंने सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह के साथ भारत का भ्रमण किया था। इस भ्रमण में उन्होंने सभी धार्मिक सम्प्रदायों पर उन्होंने उस समय की यथास्थिति का विवरण लिखा था। Continue Reading
स्वामी रामानन्दाचार्य
महावीर मन्दिर, पटना की मासिक पत्रिका धर्मायण का विशेषांक प्रधान सम्पादक- आचार्य किशोर कुणाल सम्पादक- पं. भवनाथ झाContinue Reading