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धर्मायण, अंक संख्या 119, व्रत-विधि-विशेषांक
विभिन्न धर्मशास्त्रीय ग्रन्थों में व्रतों लिए फलश्रुतियाँ बढ़-चढ़ कर मिलती हैं। इन फलश्रुतियों का इतना ही कार्य है कि ये लोगों को आकृष्ट कर ... -
धर्मायण, अंक संख्या 118, वैशाख-विशेषांक
पौराणिक कथाओं में भगवान् विष्णु के जिन 10 अवतारों की चर्चा हुई है, वे सभी इस पृथ्वी पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कहे गये ... -
धर्मायण, अंक संख्या 117, भरत-चरित विशेषांक
महावीर मन्दिर, पटना से प्रकाशित धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की शोधपरक हिन्दी मासिक पत्रिका 'धर्मायण' के सभी लेखकों तथा पाठकों को होली की ... -
धर्मायण, अंक संख्या 116 शिव-तत्त्व अंक
‘धर्मायणʼ का अगला फाल्गुन मास का अंक इस बार भगवान् शिव को समर्पित है। फाल्गुन मास में कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि महापर्व ... -
धर्मायण, अंक संख्या 115, सरस्वती-अंक
सनातन धर्म में विद्या की देवी के रूप में सरस्वती की पूजा प्राचीन काल से प्रचलित है। यद्यपि वैदिक वाङ्मय में जिस सरस्वती का ... -
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक
पूर्वोत्तर भारत में मध्यकाल की दार्शनिक धारा के सिद्धान्त प्रतिपादक निबन्धकार परमहंस विष्णुपुरी भक्ति-दर्शन के गौरवमय पुरुष हैं। इन्होंने श्रीमद्भागवत से श्लोकों का संकलन ... -
धर्मायण, अंक संख्या 112, कार्तिक 2078 वि.सं., हनुमद्-विशेषांक, भाग 1
यह अंक “सकल अमंगल-मूल निकंदन” यानी सभी विघ्न-बाधाओं की जड़ को ही उखाड़ फेंकने वाले महावीर हनुमानजी को अर्पित है। हनुमानजी के देवत्व स्वरूप ... -
धर्मायण, अंक संख्या 111, आश्विन मास का अंक
आश्विन का मास शऱत् ऋतु के आरम्भ होने का मास है। वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद पृथ्वी संतृप्त होकर नयी सृष्टि करने के ... -
Dharmayan vol. 110 Saptarshi Ank
आज आवश्यकता है कि हम ऋषि-परम्परा तथा सप्तर्षि की परम्परा को व्यापक रूप में देखें। हम उस पुलह और काश्यप ऋषि को भी जानें, ... -
शिवरात्रि के दिन भगवान् शंकर को किस मंत्र से जल चढ़ायें
भगवान् शिव के वे कौन मन्त्र हैं, जिनसे हम जल चढ़ाकर खुद पूजा-पाठ कर सकते हैं? पाठ करने में आसान है, लेकिन बड़े-बड़े विद्वान् ... -
धर्मायण के पूर्व संपादक पं. वंशदेव मिश्र का संक्षिप्त परिचय
[सन् 1999ई. में मिथिला के प्रसिद्ध विद्वान् प. कृष्णमाधव झा का जन्मशतवार्षिकी समारोह मनाया गया था। पं. झा ग्राम- बिट्ठो, सरिसब-पाही, मधुबनी के थे। ... -
दक्षिण बिहार के कुछ प्रसिद्ध विष्णु मंदिर-श्री रवि संगम
बिहार पर्यटन की दृष्टि से विविधताओं से भरा हुआ है। यहाँ बौद्ध, जैन, सिख, सूफी, तथा सनातन धर्म की भी विभिन्न शाखाओं के प्राचीन ... -
धर्मायण, अंक संख्या 113, हनुमान अंक, 2
यह अंक “सकल अमंगल-मूल निकंदन” यानी सभी विघ्न-बाधाओं की जड़ को ही उखाड़ फेंकने वाले महावीर हनुमानजी को अर्पित है। हनुमानजी के देवत्व स्वरूप ...
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक