Dr. Shriranjan Suridev
साहित्यवाचस्पति श्रीरंजन सूरिदेव
- डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव
- जन्म : 28 अक्टूबर, 1926 ई०
- देहावसान : 11 नवम्बर, 2018 ई.
- जन्मस्थान : शुम्भेश्वरनाथ धौनी, जिला-दुमका (झारखण्ड)
शैक्षिक उपाधियाँ
- एम०ए०़, (त्रय- हिन्दी, संस्कृत एवं प्राकृत-जैनशास्त्र) स्वर्णपदक प्राप्त, बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर
- साहित्य, आयुर्वेद, पुराण, पालि और प्राकृत-जैनशास्त्र में आचार्य (कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय, दरभंगा एवं वाराणसेय, अब सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी)
- व्याकरणतीर्थ (बंगाल संस्कृत समिति, कलकत्ता)
- साहित्यरत्न (हिन्दी-साहित्य सम्मेलन, प्रयाग)।
शोधकार्य
- ‘वसुदेवहिण्डी: भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा’ नामक प्रकाशित शोध-प्रबन्ध (पी-एच०डी० के लिए प्रस्तुत विषय का मूलनाम – ‘वसुदेवहिण्डी : एक आलोचनात्मक अध्ययन।
साहित्यिक जीवन का प्रारम्भ : सन 1945 ई०
प्रथम रचना (निबन्ध) आचार्य शिवपूजन सहाय द्वारा सम्पादित ‘बालक’ (मासिक) में ‘मन्दारपर्व’ नाम से प्रकाशित।
प्रकाशित पुस्तकें
- गीत-संगम’
- बहुत है (काव्य-संग्रह)
- मेघदूत : एक अनुचिन्तन
- प्राकृत संस्कृत का समानान्तर अध्ययन
- वसुदेवहिण्डी : भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा’ (आलोचना)
- बिहार के स्मृति-पुरुष’ (बिहार के सत्रह कूटस्थ साहित्यसेवियों के संस्मरणों का संग्रह):
- सांस्कृतिक निबन्ध-कोश (निबन्ध-संग्रह)
- अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकान्त’ पर तीन व्याख्यानों का संग्रह
- हिन्दी के विकास में पत्रकारिता की भूमिका।
बालोपयोगी कथाओं के आठ संग्रह
- आटे का मुरगा
- आसमानी घोड़ा
- चित्रकार की बेटी
- पिटारी की रानी
- काठ की तलवार
- बैताल का बदला
- अनमोल माला
- चार पापी
- अक्षर-भारती (संस्कृत-गद्य-पद्य संग्रह) दिल्ली संस्कृत अकादमी द्वारा पुरस्कृत)
अनूदित पुस्तकें
- वसुदेवहिण्डी (प्राकृत से हिन्दी)
- अगडदत्तकहा (प्राकृत से हिन्दी)
- धूर्ताख्यान (प्राकृत से हिन्दी)
- उपासकदशासूत्र (सप्तम जैनांग : प्राकृत से हिन्दी)
- सिंहासनबत्तीसी तथा वेतालपचीसी (संस्कृत से हिन्दी)
सम्पादित प्रमुख पुस्तकें
- जीवन-दर्पण (आचार्य शिवपूजन सहाय की दैनन्दिनी : का प्रथम खण्ड)
- स्मृतिशेष आर्यपुरुष : पं० रामनारायण शास्त्री (स्मृति-ग्रन्थ)
- पाटलिपुत्र की धरोहर : रामजी मिश्र मनोहर’
- कृष्णकुमार विद्यार्थी : व्यक्तित्व और कृतित्व (अभिनन्दन-ग्रन्थ)
- तुलसीदलम् (राम-साहित्य से सन्दर्भित निबन्धों का संकलन)
- पुण्यस्मरण (देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद का उनके ज्येष्ठ पुत्र श्री मृत्युंजय प्रसाद द्वारा लिखित संस्मरण)।
मानद उपाधियाँ
- साहित्यवाचस्पति (हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयास)
- साहित्यमार्तण्ड (कला, संस्कृति साहित्य विद्यापीठ, मथुरा)
- साहित्यमार्तण्ड (प्रबुद्ध सांस्कृतिक मंच, पटना)
- साहित्यरत्न (हिन्दी-साहित्य सम्मेलन, बीकानेर)
- विद्याविभूषण (भाषा-भारती, पटना)
- वाङ्मयरत्न, (साहित्यकार-संसद्, समस्तीपुर)
- सांस्कृतिक सौरभ (रंगमंच, पटना) आदि।
कार्य
- व्याख्याता, प्राकृत-शोध-संस्थान, वैशाली
- उपनिदेशक (शोध) एवं सम्पादक परिषद् पत्रिका, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना।
पत्रिकाओं का सम्पादन
- साहित्य’ (त्रैमा०), बिहार-हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना का मुखपत्र (सम्पादक : आचार्य शिवपूजन सहाय और आचार्य नलिन विलोचन शर्मा का सहकारी)
- परिषद-पत्रिका, शोध-त्रैमासिक बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद, पटना
- धर्मायण, महावीर मन्दिर, पटना
- शिखा संकेत पटना
- ब्रह्मज्योति वाराणसी
- चक्रबन्धु, वाराणसी।
संस्था सहयोग
- आचार्य शिवपूजन सहाय स्मारक न्याय के न्यासी सदस्य
- भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (भूतल परिवहन मन्त्रालय, भारत सरकार) को पटना-शाखा की क्रियान्वयन समिति के विशिष्ट परामर्शदाता।
- हिन्दी शब्दनिधि’ नामक हिन्दी-कोश का सम्पादन कार्य
महावीर मन्दिर से प्रकाशित धर्मायण पत्रिका के लिए यह गौरव का विषय है कि श्रीरंजन सूरिदेव जैसे विद्वान् इसके सम्पादक रहे हैं। पत्रिका-परिवार की ओर से उनका नमन।
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक