हमारे रचनाकार
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पुस्तक समीक्षा- ‘भारतीय संस्कृति और गकार के प्रतीक।’ लेखक- डा. बिन्देश्वरी प्रसाद ठाकुर ‘विमल’
पुस्तक समीक्षा- ‘भारतीय संस्कृति और गकार के प्रतीक।’ लेखक- डा. बिन्देश्वरी प्रसाद ठाकुर ‘विमल’ प्रकाशक- सर्वभाषा ट्रस्ट, नई दिल्ली, जे.-49, स्ट्रीट सं. 38, राजापुरी ... -
धर्मायण के सभी अंकों में प्रकाशित आलेखों की सूची- खोज करें
धर्मायण के अंक संख्या 1 से 120 तक के सभी आलेखों की सूची दी गयी है। आलेख के सामने लेखक का नाम तथा अंक ... -
धर्मायण के पूर्व संपादक पं. वंशदेव मिश्र का संक्षिप्त परिचय
[सन् 1999ई. में मिथिला के प्रसिद्ध विद्वान् प. कृष्णमाधव झा का जन्मशतवार्षिकी समारोह मनाया गया था। पं. झा ग्राम- बिट्ठो, सरिसब-पाही, मधुबनी के थे। ... -
डा. नागेन्द्र कुमार शर्मा
अध्यक्ष, हिंदी विभाग, राम जयपाल महाविद्यालय, छपरा, (जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा) -
डॉ० रामकिशोर झा ‘विभाकर’
मैथिली, हिन्दी एवं संस्कृत के विद्वान्, साहित्यकार, अनुवादक तथा सम्पादक डॉ० रामकिशोर झा ‘विभाकर’ धर्मायण पत्रिका के लेखक रहे हैं। -
श्री महेश प्रसाद पाठक
‘अवतार मीमांसा’, ‘कवच-कलश’, ‘नाम में क्या रखा है!’, ‘ईश्वर-विमर्श’ आदि पुस्तकों के लेखक श्री महेश प्रसाद पाठक धर्मायण पत्रिका के लेखक हैं। -
डा. सुन्दरनारायण झा
सहाचार्य वेदविभाग, (अ.प्रा.) श्रीलालबहादुरशास्त्रीराष्ट्रियसंस्कृतविश्वविद्यालयः, बी-4, कुतुबसांस्थानिकक्षेत्रम्, नवदेहली-16 -
डॉ० विजय विनीत
अवकाशप्राप्त अध्यापक, हिन्दी विभाग, जनता महाविद्यालय सूर्यगढ़ा (लखीसराय), 1980 से लगातार हिन्दी-अध्यापन एवं लेखन के प्रति समर्पित तथा भाषावादी अध्ययन के प्रति प्रतिबद्ध रहे ... -
शत्रुघ्नश्रीनिवासाचार्य पंडित शम्भुनाथ शास्त्री ‘वेदान्ती’
शत्रुघ्नश्रीनिवासाचार्य पंडित शंम्भुनाथ शास्त्री ‘वेदान्ती’ भगवद्भक्ति तथा भगवत्-तत्त्व-चिन्तन में लीन पण्डित शम्भुनाथ शास्त्री न केवल अपने प्रवचन से भगवान् की गाथाओं का प्रचार करते, ... -
श्री गिरिजानन्द सिंह
1. मैथिली कथा 'परंपरा', 'पूजाक पोथी', 'हमरा बिसरब जुनि' एवं Banaili, Roots to Raj हिंदी रूपांतर "बनैली मूल से राज तक" के लेखक श्री गिरिजानन्द ...
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक