पं. मार्कण्डेय शारदेय
मार्कण्डेय शारदेय आधिकारिक नाम- मार्कण्डेय मिश्र पिता- स्व॰ रामचंद्र मिश्र, जन्मतिथि- 12-10-1962,
जन्मस्थान– टेढ़ी बाज़ार, डुमराँव, जिला- बक्सर (बिहार)
शिक्षा- एम. ए., संस्कृत (मगध विश्वविद्यालय)Continue Reading
धर्मायण पत्रिका में जिन प्रतिष्ठित लेखकों की रचनाएँ छपती है, उनका विस्तृत परिचय भी हम प्रकाशित करते हैं ताकि पाठक लेखक से पूर्ण परिचित हो सकें। ये लेखक धर्मायण के लिए गौरव हैं। हमें इस बात का गौरव है कि इस स्तम्भ में देश के प्रतिष्ठित लेखकों का परिचय हमने प्रकाशित किया है।
मार्कण्डेय शारदेय आधिकारिक नाम- मार्कण्डेय मिश्र पिता- स्व॰ रामचंद्र मिश्र, जन्मतिथि- 12-10-1962,
जन्मस्थान– टेढ़ी बाज़ार, डुमराँव, जिला- बक्सर (बिहार)
शिक्षा- एम. ए., संस्कृत (मगध विश्वविद्यालय)Continue Reading
विशुद्ध गृहस्थ आश्रम में रहकर, श्रीयोगेश्वर आश्रम का संचालन करते हुए,“ सर्वेभवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः”का पावन संकल्प लेकर, योग और नाड्योपचारतन्त्र के प्रचार-प्रसार में आपने काफी भ्रमण भी किया है ।Continue Reading
आचार्य सीताराम चतुर्वेदी भारतीय गम्भीर अध्येता, निष्ठावान अध्यापक, कुशल प्रशासक, प्रौढ़ समीक्षक, अनेक भाषाओं के विद्वान, श्रेष्ठ नाटककार, अभिनेता, प्रयोक्ता, उच्चकोटि के साहित्यकार, संगीतज्ञ, भाषा, संस्कृति एवं मान्यताओं के प्रबल पक्षधर थे।Continue Reading
महावीर मन्दिर से प्रकाशित धर्मायण पत्रिका के लिए यह गौरव का विषय है कि श्रीरंजन सूरिदेव जैसे विद्वान् इसके सम्पादक रहे हैं। पत्रिका-परिवार की ओर से उनका नमनContinue Reading
राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय जर्नलों में गणित तथा तकनीकि विषयों पर १० शोध पत्र ।
राष्ट्रीय पत्रिकाओं में दर्जनों आलेख ।
पूज्य गुरुदेव चित्रकूट पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य कृत निम्नांकित पुस्तकों का सह-सम्पादन/सम्पादन –Continue Reading
नाम- डॉ. धीरेन्द्र झा
सेवा- राष्ट्रीय संयोजक (संस्कृत शिक्षा) विद्याभारती, निराला नगर, लखनऊ।Continue Reading
स्वनामधन्य डा. काशीनाथ मिश्र धर्मायण पत्रिका के दिशानिर्देशक सम्पादक रहे हैं।Continue Reading
तनाव रहित समाज निर्माण, सामाजिक सद्भाव एवं सौहार्द इनका मुख्य उद्देश्य रहा है। इनका प्रसिद्ध नारा है- धर्म की जय हो, आडम्बर का नाश हो, सम्पूर्ण विश्व एक परिवार।Continue Reading
पटना मेडिकल कालेज में फ़ार्माकोलौजी एवं थिरेपेटिक विभाग में विभिन्न पदों पर अध्यापन करते हुए 1995 ई. में अवकाश ग्रहण कर जनवरी, 1995 ई. से 1998 ई. तक पटना विश्वविद्यालय के कुलपति पद को सुशोभित किया।Continue Reading
मुख्य रूप से अंगरेजी भाषा एवं साहित्य के अध्येता डा. काशीनाथ मिश्र वर्तमान में अंगरेजी के अध्यापक हैं। धर्मायण पत्रिका के लिए…..Continue Reading
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