अभिनव भरत आचार्य सीताराम चतुर्वेदी 02
आचार्यजी ने पटना प्रवास के दौरान आचार्य किशोर कुणाल के आग्रह पर अपनी देखरेख में एक जीवन वृत्तान्त तैयार कराया था, जो महावीर मन्दिर के फाइल में टाइपराइटर का टाइप किया हुआ मिला। इस विवरणी में ग्रन्थों के प्रकाशन-वर्ष भी दिये गये हैं। कुछ ग्रन्थ उस समय तक नहीं लिखे गये थे, कुछ अप्रकाशित थे, अतः यद्यपि वह सूची अधूरी है, फिर भी आचार्यजी के द्वारा पढ लिये जाने के कारण उसकी प्रामाणिकता अधिक है। वह विवरणी भी यहाँ दी जा रही है।
आचार्यजी के गोलोकवास के अवसर आयोजित शोकसभा हेतु प्रकाशित पुस्तिका- सारस्वत यज्ञ की पूर्णाहुति, प्रकाशक- आधारशिला प्रकाशन, मुजप्फरनगर में अनेक संस्मरणों के साथ उनका एक समग्र जीवन-वृत्तान्त प्रकाशित हुआ था। उसके आधार पर अलग से पृष्ठ बनाया गया है। वह पूर्ण है, किन्तु उसमें प्रकाशित पुस्तकों का प्रकाशन वर्ष नहीं दिया गया है।
214 ग्रन्थों के रचनाकार आचार्य सीताराम चतुर्वेदी
महावीर मन्दिर प्रकाशन का सौभाग्य रहा है कि देश के अप्रतिम विद्वान् आचार्य सीताराम चतुर्वेदी हमारे यहाँ अतिथिदेव के रूप में करीब ढाई वर्ष रहे और हमारे आग्रह पर उन्होंने समग्र वाल्मीकि रामायण का हिन्दी अनुवाद अपने जीवन के अन्तिम दशक (80 से 85 वर्ष की उम्र) में किया वे
व्यक्तित्व एवं कृतित्व
आचार्य सीताराम चतुर्वेदी भारतीय गम्भीर अध्येता, निष्ठावान अध्यापक, कुशल प्रशासक, प्रौढ़ समीक्षक, अनेक भाषाओं के विद्वान, श्रेष्ठ नाटककार, अभिनेता, प्रयोक्ता, उच्चकोटि के साहित्यकार, संगीतज्ञ, भाषा, संस्कृति एवं मान्यताओं के प्रबल पक्षधर थे।
- जन्म : 27 जनवरी 1905 ईसवी
- जन्मस्थान : छोटी पियरी, वाराणसी
- माता : अत्यन्त दानी एवं उदार श्रीमती दाक्षी देवी
पिता :
पं. भीमसेन जी वेदपाठी। श्रौत, स्मार्त कर्मकाण्ड, वेद, तन्त्र, आयुर्वेद और विभिन्न प्रकार के यज्ञों के अप्रतिम विदान। सुदर्शन रसायनशाला के संस्थापक। 1916 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा कराई। 1932 में महामना मालवीय जी ने काशी विश्वविद्यालय के ओरिएन्टल कालेज में वेद एवं कर्मकांड के प्रोफेसर पद पर नियुक्त किया।
विवाह :
वाराणसी के प्रसिद्ध नेता, पत्रकार, स्वतन्त्रता-संग्राम के योद्धा, काशी विद्यापीठ में संस्कृत के प्रोफेसर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्टेट सेक्रेटरी एवं कानून के प्रोफेसर तथा प्रसिद्ध एडवोकेट पं. यज्ञ नारायण उपाध्याय जी सुपुत्री सुशीला देवी से।
परिवार :
- भाई (2) – श्री 1008 नारायण स्वामीजी महाराज, हाकी के सुविख्यात खिलाड़ी (ध्यानचन्द की कम्पतानी में भारतीय ओलिम्पिक दल के सदस्य) एवं उर्दू के प्रख्यात विद्वान पं. सोमदत्त चतुर्वेदी।
- बहन (1) – वाराणसी न्यायालय में माननीय जिलाधीश श्रीमती विद्यावती देवी।
- पुत्र (5) – जयशील, धर्मशील, सुधीर, प्रियशील और संजय।
- पुत्री (1) – जयशीला
वेश-भूषा
खादी का श्वेत कुर्ता, धोती एवं दुपट्टा, ऊनी सदरी हाथ में चाँदी की मूठ वाली बादाम की छड़ी।
दैनन्दिनी
ब्राह्म-मुहूर्त में शय्या त्याग-नित्य कर्म के पश्चात् व्यायाम एवं तीव्र गति से भ्रमण, स्नान, सन्ध्या, दही अथवा मठ्ठे के साथ जलपान, नियत समय पर (12 या 12:30 के बीच) मठ्ठा, हरी सब्जी, सलाद के साथ भोजन, रात्रि में हल्का भोजन। चाय, काफी, पान, सिगरेट का कोई व्यसन नहीं।
शिक्षा
- एम.ए.- (1) हिन्दी, (2) संस्कृत (3) पाली, (4) प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति
- बी.टी., एल.एल.बी., साहित्याचार्य
- संस्कृत, हिन्दी, पाली, उर्दू, अंग्रेजी के प्रकाण्ड विद्वान्।
- जर्मनी के एक विद्वान् से जर्मन पढ़ा ।
- सारनाथ में चीन के विद्वान् से चीनी तथा तिब्बती भाषाएँ पढ़ी, तथा जापानी बौद्ध भिक्षु से जापानी ।
- साथियों के सम्पर्क से गुजराती, पराठी, बंगला, पंजाबी।
- प्रिंसिपल मलकानी से सिंधी तथा प्रो. मलवनी से ग्रीस भाषा पढ़ी और सीखी।
शिक्षण
प्राचीन परम्पराओं में पोषित एवं संवर्धित आचार्य जी ने अध्ययन एवं अध्यापन को ही वृत्ति रूप में ग्रहण किया। देश एवं विदेश के छात्र और शिक्षार्थी सदैव ही आपके सम्पर्क से लाभान्वित होते रहे हैं। अब तक लगभग 200 शोध छात्रों को डाक्टरेट की उपाधि के लिये शोध-प्रबन्ध लिखवा चुके हैं।
- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सेन्ट्रल हिन्दू स्कूल
- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के टीचर्स ट्रेनिंग कालेज
- बम्बई के भारतीय विद्याभवन में हिन्दी, संस्कृत, पाली के विभागाध्यक्ष
- सतीश चन्द्र डिग्री कालेज, बलिया के प्राचार्य
- बिनानी विद्या मंदिर एजूकेशनल ट्रस्ट, कलकत्ता के निर्देशक
- टाउन डिग्री कालेज, बलिया के प्राचार्य
सम्पर्क :
किशोरावस्था से ही महामना मालवीय जी के स्नेह-भाजन रहने से भारतवर्ष के महापुरूषों के सम्पर्क में रहे। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, श्रीमती एनी बेसेन्ट, महात्मा गाँधी, डा. भगवान दास, लाला लाजपत राय, डा. ध्रुव, डा. श्यामाचरण डे, प्रो. शेषाद्रि, प्रोफेसर अधिकारी, प्रिंसिपल मलकानी आदि से निकट सम्बन्ध रहा। पं. जवाहर लाल नेहरू, पं. कमलापति त्रिपाठी- उछाड़-पछाड़ करनेवाले नेता राजनारायण और अब प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर भी निकट सम्पर्क में रहे।
हिन्दी प्रेमी और सिद्धान्तवादी राजनीतिज्ञ राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन से भी घनिष्ट सम्पर्क रहा। साहित्य जगत में प्रेमचन्द, जयशंकर ‘प्रसाद’, बेढब बनारसी, सम्पूर्णानन्द, पड़ोसी और नित्य के बैठकबाज थे। वैयाकरण किशोरी दास वाजपेयी, महामहोपाध्याय जयदेव मिश्र, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, डा. हरिवंश राय ‘बच्चन’, बाबू श्याम सुन्दर दास, हरिऔध जी, बाबू जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’, राय कृष्ण दास, लाला भगवान दीन, मैथिलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा, सुमित्रनन्दन पन्त, निराला, सनेही, वियोगी हरि, माखन लाल चतुर्वेदी, आचार्य नरेन्द्र देव जैसे दिग्गज साहित्यकारों और विद्वानों के निकट सम्पर्क में रहे।
मंच
भारत एवं भारत के बाहर भी नाट्य प्रयोक्ता, लेखक, अभिनेता के रूप में, कवि सम्मेलनों के सफल सभापति, संचालक, आयोजक के रूप में, संगीत सम्मेलनों के आयोजक, कलाकार के रूप में मंच और रंगमंच से हमेशा जुड़े रहे। काशी की अभिनव रंगशाला की स्थापना की। इस क्षेत्र में पृथ्वीराज कपूर भी आपको अपना गुरु मानते थे। पार्श्व गायिका लता मंगेशकर ने फिल्मों में आने से पूर्व ‘‘सिद्धार्था’’ नाटक में गीत गाए।
पर्यटन
- सम्पूर्ण भारत को अपना कार्य क्षेत्र बनाया और बनाए रखा है। इसलिये पूरे देश में अविरल भ्रमण होता रहता है।
- बर्मा, नेपाल, सिक्किम, भूटान, पाकिस्तान, सिंगापुर, श्रीलंका, अफगानिस्तान की लम्बी यात्रएँ की।
- प्रसिद्ध यायावर महापंडित राहुल साकृत्यायन के साथ कैलास, मानसरोवर, तिब्बत, श्रीलंका की यात्रा की।
- समुद्र तट और पर्वत शृंखला दोनों से प्रेम के कारण भारत के सभी समुद्रतटीय नगरों एवं ऊँचाइयों में बसे पहाड़ी नगरों एवं ग्रामों में रहे और भमण किया।
- सत्याग्रह आन्दोलनों में जेल यात्रा भी अनेक बार की किन्तु मातृभूमि की सेवा के लिये पारितोषिक स्वरूप कुछ लेना या पाना अपमान समझा।
उपाधि
- प्राचीन काल से ही विद्या की केन्द्रस्थली काशी के विद्वानों ने आपकी विद्वत्ता और परिश्रम का मूल्यांकन कर ‘अभिनव भरत’ की उपाधि दी।
- हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग ने । 977में ‘विद्या-वारिधि’ की उपाधि दी।
- काशी की प्रसिद्ध ठलुआ क्लब के ‘ठलुआ गणपति’ रहे।
- 1982 में उ.प्र. सरकार द्वारा हिन्दी सेवा के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित
प्रभाव
सबसे अधिक प्रभावित हुए-
- महामना मालवीयजी के पवित्र व्यक्तित्व से
- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, लाला लाजपत राय एवं लोकमान्य तिलक की प्रचण्ड तेजस्विता से
- आचार्य ध्रुव की गम्भीर विद्या, वैभवपूर्ण सरलता से
- श्यामा चरण डे की त्यागपूर्ण निष्ठा से
आचार्य पं. सीताराम चतुर्वेदीजी के प्रकाशित ग्रन्थों की सूची
जीवन चरित
- भक्त जीवन लाल (1927)
- महामना पंडित मदन मोहन मालवीय (1935) (लेख-भाषण सहित)
- पंडित भवानी भीरव मिश्र (1936)
- मुंशी जी और उनकी प्रतिभा (1947)
- जगदगुरु श्री चन्द्राचार्य (1953)
- पंडित विद्याधर जी गौड़ (1954)
- श्रीमद्वल्लभाचार्य और उनका पुष्टिमार्ग (1966)
- पंडित मदन मोहन मालवीय (हिन्दी 1972)
- पंडित मदन मोहन मालवीय (अंग्रेजी 1973)
- महाकवि सूरदास (1976)
पाठ्य पुस्तक
- संस्कृत मनोरमा, भाग 1
- संस्कृत मनोरमा, भाग 2
- कबीर-संग्रह, 1960
- सूर-पद-पंचशती, 1976
नाटक
- बेचारा केशव, 1930-1956
- बसन्त, 1933
- मंगल प्रभात, 1939-1958
- पूर्व कालिदास, 1940 रूद्रजी के साथ
- उत्तर कालिदास, 1940
- अलका, 1946-1956
- भगवान बुद्ध-गीति नाट्य, 1947-1960
- अजन्ता, 1949-1965
- सिद्धार्थ, 1950-1966
- देवता, 1951-1964
- अनारकली, 1952
- विश्वास, 1952
- गुण्डा, 1954
- अपराधी, 1955
- जय सोमनाथ, 1956
- पारस, 1959
- पाप की छाया, 1960
- मान न मान, 1961
- युग बदल रहा हैं, 1962
- जागो फिर एक बार, 1963
- आचार्य विष्णु गुप्त, 1965
- श्री कृष्ण-सुदामा, 1966
- सेनापति पुष्यमित्र, 1966
- दन्तमुद्रा,
- श्री कृष्ण-दूत, 1966
- पादुकाभिषेक, 1970
पत्रों में प्रकाशित या अप्रकाशित नाटक :
- नारद मोह, 1922
- हर्षवर्धान, 1924
- सत्यवीर, 1925
- विज्ञान का दम्भ, 1932
- वाल्मीकि, 1934
- रजिया, 1937
- प्रसाद, 1940
- मेरी माँ, 1944
- अंगुलिमाल, 1960
- मीराबाई, 1960
- नई बस्ती, 1966
साहित्य का इतिहास एवं अन्य
- श्रीराम-विजय, 1970
- सन्त महावाणी, 1978
- भाषण कला, 1950
- शिक्षा-दीपिका, 1962
- चन्द से सूर, 1962
- सूर से भारतेन्दु, 1963
- भारतेन्दु से दिनकर, 1965
रेडियो रूपक
- बापू 1947
- सीता 1958
- प्रतिमा 1959
नाटिका :
- आदिकाव्य का जन्म 1954
- उद्घाटन 1954
- तुलसी का वैराग्य 1954
- बलिदान 1954
- भीष्म-प्रतिज्ञा 1955
- मदन-दहन गीति नाट्य, 1956
- प्राइवेट सेकेटरी 1956
- लगगई आ इइइइइ 1956
- मायावी 1957
- शरणागत 1962
- सावित्री-सत्यवान 1962
- आधी रात 1963
बहुरंग काव्य :
- अलका, 1956
भाषा विज्ञान
- भाषालोचन, 1954
- वाग् विज्ञान, 1974
समीक्षा :
- राज्यश्री का अध्ययन, 1939
- कृष्णार्जुन युद्ध की समीक्षा, 1934
- कबीर दास, 1950
- गोस्वामी तुलसी दास, 1956
- हिन्दी साहित्य सर्वस्व 1954
मनोविज्ञान
- मानस शास्त्र और समाज, 1957
शास्त्र
- अभिनव नाट्यशास्त्र 1951-60
- समीक्षा शास्त्र, 1953-1981
- भारतीय और पाश्चात्य रंगमंच, 1964
साहित्यशास्त्र
- शैली और कौशल, 19518
- रस-तरंगिणी, 1968
- साहित्यानुशासनम्, 1972
कर्मकाण्ड
- गुरु मण्डलार्चन-पद्धति, 1962
दर्शन
- श्रीमदभगवद्गीता त्रयी, 1981
- प्रस्थानत्रयी, 1988
उपन्यास
- गंगाराम, 1958
- मंगल के दूत, 1967
- जै कन्हैया लाल की, 1978
- श्रीकृष्ण-कथा, 1979
कहानी संग्रह
- प्यादा से फरजी भयो, 1966
निबन्ध
- लेखन-कला और आदर्श निबन्ध, 1962
- लेखन-कला और संक्षेपीकरण, 1973
- हिन्दी निबन्धायन 1977
इतिहास
- संसार का सरल इतिहास, 1974
- भारतीय धर्म और संस्कृति का केन्द्र वाराणसी, 1966
- जय साघुबेला, 1952
- भारत के उदासीन सन्त, 1967
- राष्ट्रभाषा की दृष्टि से हिन्दी साहित्य का इतिहास, 1968
- बौद्ध धर्म का केन्द्र सारनाथ, 1968
- सारनाथ: द सेन्टर आफ बुद्धिस्म, अग्रेजी-1968
- हिन्दी साहित्य का इतिहास, 1970
- हिन्दुइज्म, अंग्रेजी-1973 ,
शिक्षा शास्त्र
- हिन्दी-शिक्षण-विधान, 1941
- भाषा की शिक्षा, 1941 से 1966 तक 7 संस्करण
- अध्यापन कला, 1942-1960
- पाठशाला प्रबन्ध और स्वास्थ्य-विज्ञान, 1943-60
- शिक्षा प्रणालियों और उनके प्रवर्तक, 1942-50
- संस्कृति-शिक्षण-पद्धति, 1948-1966
- भारत में- सार्वजनिक शिक्षा का इतिहास, 1956
- भारतीय और पाश्चात्त्य शिक्षा का इतिहास, 1965
- अभिनव शिक्षण-शास्त्र, 1958
- शिक्षण के आधार, 1966
- शिक्षा दर्शन, 1972
सम्पादक तथा अनुवाद
- अरस्तू का काव्य शास्त्र, 1936
- कालिदास ग्रंथावली 1945-1980
- संस्कृत सूक्ति सागर 1957
- तुलसी-ग्रंथावली, 5 खण्ड
- सूर-ग्रंथावली, 5 खण्ड
- अध्यक्ष कौन, 1955
- शिवोऽहं, 1974-80
- बृहत्त्रयी भारवि, माघ श्री हर्ष, 1975
- इनफ्रलोरेसेन्स ऑफ डिविनिटी, 1976
पत्र-सम्पादन
- Dawn (Monthly-English) B.H.U 1927-28
- ‘‘शंखनाद’’ का दैनिक प्रकाशन 1929-308 स्वतन्त्रता संग्राम के समय क्रान्तिकारियों का पक्ष प्रस्तुत करन वाला हस्तलिखित पत्र जिसने आन्दोलनकारियों पर सर्वाधिक प्रभाव डाला ओर ब्रिटिश शासन की नींद हराम कर दी थी।
- सनातन धर्म साप्ताहिक, काशी 1937-38
- भारतीय विद्या मासिक, बम्बई 1947-49
- प्रतिभा मासिक, बम्बई 1948
- संग्राम साप्ताहिक, बम्बई 1949
- वसन्ती, मासिक, वाराणसी, 1955-58
- संकल्प, मासिक, कलकत्ता, 1962-63
- धर्मायण, महावीर मन्दिर, पटना
अध्यक्ष-आचार्य
- भारतीय पत्रकारिता महाविद्यालय काशी, 1972-74
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक