Tag: धर्मायण
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धर्मायण, अंक संख्या 118, वैशाख-विशेषांक
पौराणिक कथाओं में भगवान् विष्णु के जिन 10 अवतारों की चर्चा हुई है, वे सभी इस पृथ्वी पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कहे गये हैं। कुछ ... -
धर्मायण, अंक संख्या 117, भरत-चरित विशेषांक
महावीर मन्दिर, पटना से प्रकाशित धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की शोधपरक हिन्दी मासिक पत्रिका 'धर्मायण' के सभी लेखकों तथा पाठकों को होली की शुभकामनाएँ। -
धर्मायण, अंक संख्या 116 शिव-तत्त्व अंक
‘धर्मायणʼ का अगला फाल्गुन मास का अंक इस बार भगवान् शिव को समर्पित है। फाल्गुन मास में कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि महापर्व मनाया जाता ... -
धर्मायण, अंक संख्या 115, सरस्वती-अंक
सनातन धर्म में विद्या की देवी के रूप में सरस्वती की पूजा प्राचीन काल से प्रचलित है। यद्यपि वैदिक वाङ्मय में जिस सरस्वती का उल्लेख है, ... -
दक्षिण बिहार के कुछ प्रसिद्ध विष्णु मंदिर-श्री रवि संगम
बिहार पर्यटन की दृष्टि से विविधताओं से भरा हुआ है। यहाँ बौद्ध, जैन, सिख, सूफी, तथा सनातन धर्म की भी विभिन्न शाखाओं के प्राचीन पर्यटन-स्थल हैं, ... -
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक
पूर्वोत्तर भारत में मध्यकाल की दार्शनिक धारा के सिद्धान्त प्रतिपादक निबन्धकार परमहंस विष्णुपुरी भक्ति-दर्शन के गौरवमय पुरुष हैं। इन्होंने श्रीमद्भागवत से श्लोकों का संकलन कर उन्हीं ... -
धर्मायण, अंक संख्या 113, हनुमान अंक, 2
यह अंक “सकल अमंगल-मूल निकंदन” यानी सभी विघ्न-बाधाओं की जड़ को ही उखाड़ फेंकने वाले महावीर हनुमानजी को अर्पित है। हनुमानजी के देवत्व स्वरूप की सबसे ... -
डा. नागेन्द्र कुमार शर्मा
अध्यक्ष, हिंदी विभाग, राम जयपाल महाविद्यालय, छपरा, (जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा) -
श्री महेश प्रसाद पाठक
‘अवतार मीमांसा’, ‘कवच-कलश’, ‘नाम में क्या रखा है!’, ‘ईश्वर-विमर्श’ आदि पुस्तकों के लेखक श्री महेश प्रसाद पाठक धर्मायण पत्रिका के लेखक हैं। -
लेखकों से निवेदन, शोधपरक आलेख आमन्त्रित, लेखकों को दी जाती है सम्मान-राशि।
‘धर्मायण’ के अगले अंक, (अंक संख्या 118, वैशाख, सं. 2079) के लिए प्रस्ताव की पृष्ठभूमि- “लोक-देवताओं के रूप में परशुराम, नरसिंह, कूर्म एवं बुद्ध की उपासना”
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक