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धर्मायण अंक संख्या 143 मन-विशेषांक
ज्येष्ठ, 2081 वि. सं. 24 मई-22 जून 2024 ई. श्री महावीर स्थान न्यास समिति के लिए महावीर मन्दिर, पटना- 800001 से ई-पत्रिका के रूप में https://mahavirmandirpatna.org/dharmayan/ पर निःशुल्क ... -
धर्मायण अंक संख्या 138 लोक-संस्कृति अंक
लोक और वेद ये दो शब्द हम सहचर के रूप में व्यवहार करते हैं। वेद सम्पूर्ण शास्त्रीय ज्ञान का रूप है तो लोक लौकिक ज्ञान को ... -
भाई-बहन के अटूट सम्बन्ध का पर्व है भैया दूज
इस प्रकार मगध की सांस्कृतिक, परम्परा में यम-द्वितीया में यह पूजन लोकगीतों तथा लोक कथाओं के रूप में लगभग सर्वत्र कुछ कुछ बदले हुए शब्दों या ... -
धर्मायण, अंक संख्या 116 शिव-तत्त्व अंक
‘धर्मायणʼ का अगला फाल्गुन मास का अंक इस बार भगवान् शिव को समर्पित है। फाल्गुन मास में कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि महापर्व मनाया जाता ... -
धर्मायण, अंक संख्या 115, सरस्वती-अंक
सनातन धर्म में विद्या की देवी के रूप में सरस्वती की पूजा प्राचीन काल से प्रचलित है। यद्यपि वैदिक वाङ्मय में जिस सरस्वती का उल्लेख है, ... -
दक्षिण बिहार के कुछ प्रसिद्ध विष्णु मंदिर-श्री रवि संगम
बिहार पर्यटन की दृष्टि से विविधताओं से भरा हुआ है। यहाँ बौद्ध, जैन, सिख, सूफी, तथा सनातन धर्म की भी विभिन्न शाखाओं के प्राचीन पर्यटन-स्थल हैं, ... -
डा. नागेन्द्र कुमार शर्मा
अध्यक्ष, हिंदी विभाग, राम जयपाल महाविद्यालय, छपरा, (जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा) -
डॉ० रामकिशोर झा ‘विभाकर’
मैथिली, हिन्दी एवं संस्कृत के विद्वान्, साहित्यकार, अनुवादक तथा सम्पादक डॉ० रामकिशोर झा ‘विभाकर’ धर्मायण पत्रिका के लेखक रहे हैं। -
श्री महेश प्रसाद पाठक
‘अवतार मीमांसा’, ‘कवच-कलश’, ‘नाम में क्या रखा है!’, ‘ईश्वर-विमर्श’ आदि पुस्तकों के लेखक श्री महेश प्रसाद पाठक धर्मायण पत्रिका के लेखक हैं। -
डा. सुन्दरनारायण झा
सहाचार्य वेदविभाग, (अ.प्रा.) श्रीलालबहादुरशास्त्रीराष्ट्रियसंस्कृतविश्वविद्यालयः, बी-4, कुतुबसांस्थानिकक्षेत्रम्, नवदेहली-16
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक