5.श्रीजगन्नाथ और भक्तकवि सालबेग- डा. ममता मिश्र ‘दाशʼ

भगवान् जगन्नाथ असंख्य जनसमुदाय की आस्था के केन्द्र रहे हैं। न केवल हिन्दू बल्कि मुसलमानों ने भी इनके प्रति अपनी भक्ति-भावना प्रकट की है। 1620 ई. के आसपास उड़ीसा एवं बंगाल के सूबेदार लालबेग का पुत्र सालबेग ने भगवान् जगन्नाथ की भक्ति में उड़िया में अनेक गीतों की रचना की। ये गीत आज भी उस क्षेत्र में प्रचलित हैं, किन्तु इनका रूप विकृत हो गया है। उड़िया एवं संस्कृत की विदुषी लेखिका ने इसके मूल पाठ को देवनागरी में उद्धृत कर इसकी व्याख्या की है।
सन्दर्भ
- दाश, डा. ममता मिश्र, “श्रीजगन्नाथ और भक्तकवि सालबेग”, धर्मायण, अंक 108, आषाढ़, 2078 वि.सं., जून-जुलाई, 2021 ई., महावीर मन्दिर, पटना, पृ. 28-32,45.
- Dash, Dr. Mamata Mishra, “Shri Jagannath and the devotee Salbeg”, (A paper in Hindi language), Dharmayan, Issue 108, Ashadh, 2078 Vs., June-July, 2021 AD, Mahavir Mandir, Patna, p. 28-32,45.
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक