Dr. Bhuvaneshvar Prasad Gurumaita

डॉ. भुवनेश्वर प्रसाद गुरुमैता

- पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,
- सम्प्रति, केन्द्रीय कार्यकारिणी एवं न्यास सदस्य, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् एवं
- अध्यक्ष/संरक्षक अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद्,
- सेवानिवृत्त प्रोफेसर, भाषा एवं संस्कृति विभाग, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार
व्यक्तित्व एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि
- वर्तमान पता : के-73, फर्स्ट फ्लोर, न्यू महावीर नगर, जनकपुरी पूर्व मेट्रो स्टेशन के समीप, नई दिल्ली-110018
- स्थायी पता : ग्रा. पो. मटियारी, बलुआ बाजार, जिला- सुपौल (बिहार) पिन-854339
- जन्मतिथि/स्थान : 14.01.1930 ई. भपटियाही, जिला सुपौल (बिहार)
- पिता : स्व. रामनारायण गुरुमैता ʼजिज्ञासुʼ, बी.ए. (कलकत्ता विश्वविद्यालय), 1936 ई. पूर्व मंत्री- आर्य समाज, दरभंगा एवं दरभंगा जिला कांग्रेस कमेटी (1938-42), स्वतंत्रता सेनानी। ʼभारत छोड़ो आंदोलनʼ में भूमिगत कार्यरत रहकर बाईसीगढ़ी में 20. 10.1942 को महाप्रयाण। 1937 ई. में गाँधी जी का अपने गाँव में झंडागीत से स्वागत।
- माता स्व. श्रीमती श्यामा देवी
- क्रांतिकारी चाचा : बिहार के शीर्षस्थ क्रांतिकारी स्व. देवनारायण गुरुमैता (ʼजयप्रकाशजी के आजाद हिन्द दस्ताʼ के सेनानी)। फांसी तथा आजीवन कारावास की सजाओं से 1946 ई. में कारामुक्त, अंग्रेजी सरकार द्वारा संपति भस्मसात एवं जब्त की गई।
- अगस्त-क्रांति में योगदान : स्वयं 12 अगस्त, 1942 को अपने स्कूल का नेतृत्व करते हुए फुलपरास थाने (जिला अपना योगदान मधुबनी) पर फायरिंग के समय तिरंगा फहराने पर हुलासपट्टी स्कूल से निष्कासित तथा “शूट एट द साईट वारंट”।
अध्ययन-उपाधि
- बी.ए. (ऑनर्स), 1951 ई. मिथिला कॉलेज, दरभंगा (पटना विश्वविद्यालय), 1952 ई.
- एल.एल.बी., प्रीवियस, (हिन्दू विश्वविद्यालय काशी),
- एम.ए. (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, 1953 ई.),
- पीएच.डी., पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, (1965) शोध-निदेशक : पद्मविभूषण आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी। हिंदी विभागाध्यक्ष एवं टैगोर चेयर प्रोफेसर, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़।
शैक्षणिक कार्य
- सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, भाषा एवं संस्कृति विभाग, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार (1967-1992 ई.)
प्रशासनिक
- विभागाध्यक्ष, सदस्य, युनिवर्सिटी बोर्ड ऑफ़ स्टडीज़, हिसार। सदस्य, प्रबंध समिति
अनुभव
- वित्त समिति तथा विधायक समिति, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक (1990-96)।
सेवा निवृति : 30.11.1992 ई.
साहित्यिक कार्य
- साहित्य-सचिव, कोशी आञ्चलिक हिंदी साहित्य सम्मेलन (1954-57);
- महासचिव, अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, हरियाणा प्रदेश (1968-92);
- प्रांतीय उपाध्यक्ष, हरियाणा हिन्दी साहित्य सम्मेलन (1969-72);
- राष्ट्रीय संगठन-सचिव, राष्ट्रीय साहित्य सचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्वाञ्चल प्रमुख, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् (क्रमशः 1968-2006 तक)।
आजीवन सदस्य
- नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी तथा भारतीय हिन्दी परिषद्, प्रयाग।
संपादन
- भारतीय साहित्य परिषद् की प्रथम केन्द्रीय स्मारिका, दिल्ली; ʼअभिव्यक्तिʼ, ʼशारदाʼ, ʼतरुण हस्ताक्षरʼ तथा विश्वविद्यालय की विविध पत्रिकाएँ, बिहार-दर्पण (चण्डीगढ़) आदि।
दायित्व-निर्वहन
- प्रांतीय उपाध्यक्ष, हरियाणा प्रादेशिक अणुव्रत समिति;
- अध्यक्ष, विश्वविद्यालय साहित्य परिषद्, नाट्यकला परिषद्, राष्ट्रीय एकता समिति एवं योग क्लब, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय तथा
- संयोजक अखिल भारतीय युवा सांस्कृतिक प्रतियोगिता हिसार-सम्मेलन (1989);
- संयोजक, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् हरियाणा प्रांतीय अधिवेशन, हिसार (1968 ई.), सोनीपत (1970 ई.), रोहतक (1971 ई.), करनाल (1973 ई.), अम्बाला (1975 ई.), कैथल (1976 ई.), सिरसा (1982 ई.), भिवानी (1984 ई.), गुड़गाँव (1990 ई.), हिसार (1993 ई.), पूर्वाञ्चल भारत, पटना (1997 ई.) आदि।
सम्मान-पुरस्कार
- मिथिला विभूति पुरस्कार (चेतना समिति, पटना तथा मैथिली अकादमी पटना द्वारा)
- नेपाल राष्ट्रीय हिन्दी महाकवि पं. रमाकांत झा पुरस्कार
- अखिल भारतीय साहित्य परिषद् हरियाणा, गुरुग्राम द्वारा प्रदत्त साहित्य पुरस्कार
- अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, राष्ट्रीय साहित्यकार सम्मान, दिल्ली
- अखिल भारतीय सरस्वती-शोध-संधान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा सरस्वती नदी अनुसंधान कार्य।
- अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, भिवानी तथा सहरसा द्वारा राष्ट्रीय साहित्यकार पुरस्कार
प्रकाशन
हरियाणा से संबद्ध साहित्यिक निबन्ध (प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित)
- “हरियाणा : सांस्कृतिक संदर्भ”, चिरंतन, भारतीय साहित्य परिषद, नई दिल्ली, अक्टूबर, 1976 ई.
- “चौरासी सिद्धों तथा नवनाथों की साहित्यिक परम्परा में अस्थलबोहर के चौरंगीनाथ”, अंतर्राज्य लेखक सम्मेलन, भाषा विभाग, चंडीगढ़, 28-29 मार्च 1979 ई.
- “हरियाणा में सूर्योपासना”, Journal of Haryana Studies, Kurukshetra University, Kurukshetra, Volume 13, No. 1-2, 1981 ई.
- “अग्रोहा कुछ कहना चाहता है”, कृषि महाविद्यालय पत्रिका, हिसार, 1981-82 ई.
- “कौल (कुरुक्षेत्र) की कला एवं संस्कृति”, हरियाणा संवाद, लोक संपर्क विभाग, हरियाणा, चण्डीगढ़, वर्ष 14, अंक 16-17, अगस्त, 1982 ई.
- “हरियाणवी भाटों के गीतों में अग्रवाल एवं हरियाणवी संस्कृति”, हरियाणा संवाद, लोक संपर्क विभाग, हरियाणा, चण्डीगढ़, वर्ष 14, अंक 16-17, अगस्त, 1982 ई.
- “सूर्य की उपासना से जुड़ा सूर्यग्रहण एवं कुरुक्षेत्र, दैनिक ट्रिब्यून, चंडीगढ़, 26.07.1981″
- “जय यौधेय का ऐतिहासिक अध्ययन : हरियाणा के प्राचीन गणतंत्र के संदर्भ में”, मौलिक विज्ञान / विज्ञान पत्रिका, ह.कृ. विश्वविद्यालय, हिसार, जनवरी, 1977 ई.
- “भिवानी और फतेहाबाद का आर्य संस्कृति में स्थान”, लाला लाजपत राय जयन्ती स्मारिका, भारतीय साहित्य परिषद, हिसार, 28 जनवरी 1985
- “The Historical Splendour of Agroha”, Hindu Vishwa, Haryana Special Gosain Tola, Prayag, Allahabad, 211003, Vol. 26, No. 7, March, 1985 ई.
- “अग्रोहा का ऐतिहासिक वैभव”, हिन्दू विश्व, 2/7 गोंसाई टोला, प्रयाग, इलाहाबाद-211003, 26/7, मार्च, 1985 ई.
- “हरियाणावी लोकगीतों में कृषि-संस्कृति का अंतर्भाव”, हरियाणा संवाद, लोक सम्पर्क विभाग, हरियाणा, चंडीगढ़, 15 जनवरी, 1985 ई.
- “प्राचीन भारतीय साहित्य में सरस्वती नदी का उल्लेख और हरियाणा का संदर्भ”, हिन्दू विश्व, वर्ष 21, अंक-3, नवम्बर 1985 ई., प्रयाग-211003 , इलाहाबाद
- “राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के अग्रदूत चौधरी छोटूरामʼ, छोटूराम स्मारिका (ग्राम उत्थान के अग्रेता : चौधरी छोटूराम), कृषि अर्थशास्त्र विभाग, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, अप्रैल, 1986
- इतिहास करवटें बदल रहा है।
- सिद्ध शैव शक्तिपीठ, अस्थलबोहर, रोहतक
- ʼकुरुक्षेत्र, जहाँ गीता ने जन्म लियाʼ, हरियाणा संवाद, चण्डीगढ़
- हरियाणा में शिवोपासना
- कुरुक्षेत्र के तीर्थ : पुराणों एवं महाभारत के सन्दर्भ में
- कुरुक्षेत्र का सांस्कृतिक महत्त्व
- अस्थलबोहर की भित्तिचित्रकला
- पानीपत की भित्तिचित्रकला
- हरियाणा, हरयाणा का भाषावैज्ञानिक सन्दर्भ, Journal of Haryana Studies, Kurukshetra University.
साहित्य-सर्जन
प्रकाशन (प्रकाशित : समालोचनात्मक, साहित्यिक एवं ललित निबंध संग्रह)
- ʼआधुनिक भारतीय साहित्य में राष्ट्रीय चेतनाʼʼ (समालोचनात्मक) भूमिका : डॉ. विद्यानिवास मिश्र, सत्साहित्य प्रकाशन, दिल्ली
- ʼप्राचीन भारतीय साहित्य में राष्ट्रीय अस्मिताʼ (समालोचनात्मक) भूमिका : डॉ विजयेन्द्र स्नातक, सत्साहित्य प्रकाशन, दिल्ली
- ʼवर्णरत्नाकरक ऐतिहासिक पृष्ठभूमिʼ । (मैथिली), सं० श्री चन्द्रनाथ मिश्र ʼअमरʼ, वैदेही समिति, दरभंगा
- ʼप्रेरक ऐतिहासिक एकांकीʼ अनिल प्रकाशन, नई सड़क, दिल्ली
- ʼयमुना का जलʼ (कहानी संग्रह) भूमिका : डॉ. प्रमोद सिंह, राष्ट्रीय प्रकाशन, मुजफ्फरपुर/पटना
- ʼआत्मोत्सर्गʼ (लघुकथा संग्रह) भूमिका : डॉ. सतीशराज पुष्करणा एवं डॉ. मिथिलेश कुमारी मिश्र, राष्ट्रीय प्रकाशन, मुजफ्फरपुर/पटना
- ʼहरसिंगार खिलता हैʼ (काव्य-संग्रह) भूमिका : डॉ. कुँवर बेचैन, समीक्षा प्रकाशन, मुजफ्फरपुर/दिल्ली
- ʼचम्पक उदास क्यों?ʼ (ललित निबंध संग्रह) भूमिका : डॉ. संजय ʼपंकजʼ, समीक्षा प्रकाशन, मुजफ्फरपुर दिल्ली
- ʼसामाजिक समरसता के अग्रदूत गुरुजीʼ
- ʼदृष्टान्तपरक कथाएँʼ, मधुकर निकेतन, कलमबाग चौक, मुजफ्फरपुर
- ʼआम में बौर आ गएʼ (ललित निबंध संग्रह)
- ʼभारतमाता के पादपद्म मेंʼ (यात्रा साहित्य)
- ʼकण-कण राजस्थान काʼ (यात्रा साहित्य)
- ʼप्रेरक ऐतिहासिक कहानियाँʼ, समीक्षा प्रकाशन, मुजफ्फरपुर दिल्ली
प्रकाशनाधीन
- संस्मरणों में पं. दीनदयाल जी व अटल जी
- राष्ट्रीय अस्मिता के चिन्तक
- हरियाणा : पुरातत्त्व, कला एवं संस्कृति
- नेपाल यात्रा के प्रसंग
- संस्मरणों में पूजनीय गुरूजी
- स्वतंत्रता की लहरों में साहित्यकार
- स्वतंत्रता संग्राम में मिथिला के सल्हैता एवं गुरूमैता परिवार का योगदान
- साहित्य, कला एवं संस्कृति
- चिन्तन-अनुचिन्तन : वैचारिक निबंध
- उत्प्रेरक एवं रोमांचक यात्राएँ
विशिष्ट शोध-प्रबंध प्रकाशित
- ʼपूर्व-मध्ययुगीन कला-विवेचनʼ– विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सीनियर फेलोशिप के अन्तर्गत संपन्न शोधप्रकल्प एवं केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय से प्राप्त वित्तीय सहायता से प्रकाशित। भूमिका : प्रो. रामशरण गौड, अनिल प्रकाशन, नई सड़क, दिल्ली।
- ʼवर्णरत्नाकर में चित्रित पूर्वमध्ययुगीन सांस्कृतिक भारतʼ – संस्कृति विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सीनियर फेलोशिप के अन्तर्गत संपन्न एवं मैथिली साहित्य अकादमी, पटना द्वारा प्रकाशित।
- ʼपूर्व-मध्यकालीन सामाजिक-आर्थिक जीवनʼ– भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद्, 35, तुगलक रोड, नई दिल्ली द्वारा प्रदत्त सीनियर फेलोशिप के अन्तर्गत संपन्न शोधप्रकल्प।
- हरियाणा : कला एवं संस्कृतिʼ दी कोर प्रकाशन इण्डिया प्रा. लि., दिल्ली
- ʼराष्ट्रीय संचेतना एवं साहित्यकारʼ दी कोर प्रकाशन इण्डिया प्रा. लि., दिल्ली
विविध शोध-पत्रिकाओं में प्रकाशित
मिथिला, मैथिली एवं वर्णरत्नाकर से संबंधित शोधपत्र
- ज्योतिरीश्वरकृत वर्णरत्नाकर, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, वर्ष-58, अंक 3-4, संवत् 2099 (1954 ई.)
- कविशेखराचार्य ज्यातिरीश्वर ठाकुर, परिषद् पत्रिका, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, अंक-3, वर्ष-3, वर्ष-4, अक्टूबर 1954 ई.
- वर्णरत्नाकर में कथित राज्याधिकारियों का परिचयात्मक विवेचन, द् जर्नल ऑफ द बिहार रिसर्च सोसाइटी, पटना, खण्ड-5, भाग 1-4, तून 1965 ई., पृ. 125-52 4.
- वर्णरत्नाकर की भाषा का महत्त्व, भाषा, केन्द्रीय भाषा विभाग, दिल्ली, 5, 3 मार्च 1956 ई.
- वर्णरत्नाकर का सरोवर और समुद्र-वर्णन, विश्वभारती पत्रिका, हिन्दी विभाग, शान्तिनिकेतन, बंगाल, 1956 ई.
- वर्णरत्नाकर में वर्णित प्राचीन भारतीय नदियाँ, परिषद् पत्रिका, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, वर्ष-11, अंक-3, अक्टूबर-71
- वर्णरत्नाकर के पर्वत और पार्वत्य, परिषद् पत्रिका, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, वर्ष-6, अंक-2, जुलाई, 1966 ई..
- मध्यकालीन वर्णकग्रंथों में अस्त्र-शस्त्रों की तुलनात्मक व्याख्या, मरूभारती, पिलानी, अक्टूबर, 1955 ई. (वर्णरत्नाकर के आधार पर)
- वर्णरत्नाकर में कथित तांत्रिक साहित्य, परिशोध, हिन्दी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़, अंक-15, 1970 ई.
- वर्णरत्नाकर की शृंगारशास्त्रीय शब्दावली, परिशोध, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़, 1968 ई.
- वर्णरत्नाकर में वर्णित आरंभिक मध्यकालीन योगदर्शन, परिशोध, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़, 1968 ई.
- वर्णरत्नाकर में उल्लिखित अष्टादश पतिव्रता, राष्ट्रसेविका समिति, नागपुर, 1970 ई.
- वर्णरत्नाकर की काव्यगत-रूढ़ियों का अध्ययन, परिशोध, हिन्दी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़, अंक-3, फरवरी, 1966 ई.
- वर्णरत्नाकर : कविशिक्षाविषयक वर्णकग्रंथ, परिशोध, हिन्दी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, अंक-4, 1966 ई.
- वर्णरत्नाकर में कथित राजचिह्नों का अध्ययन, सप्तसिन्धु भाषा विभाग, हरियाणा/चण्डीगढ़/ पटियाला, वर्ष-63, अंक-11, नवंबर, 1966 ई.
- वर्णरत्नाकर की श्रेणी के पूर्ववर्तीग्रंथ, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, वर्ष-66, अंक-1, संवत् 2022 वि.
- वर्णरलाकर की श्रेणी के परवर्तीग्रंथ, नागरीप्रचारिणी पत्रिका, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, वर्ष-70, अंक-4, संवत् 2020 वि.
- वर्णरत्नाकरक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, वैदेही, वैदेही समिति, दरभंगा, 1966 ई.
- वर्णरलाकर में कथित सैनिक वेशभूषा, विश्वभारती पत्रिका, हिन्दी भवन, शांतिनिकेतन, वर्ष-8, अंक-1, अप्रैल-जून 1968 ई.
- वर्णरत्नाकर में चित्रित प्राचीन धनुर्वेदशिक्षाशब्दावली का विश्लेषण, सप्तसिंधु, भाषा विभाग, हरियाणा-चण्डीगढ़, जून 1968 ई.
- वर्णरत्नाकर में उल्लिखित आरंभिक मध्यकालीन योगदर्शन, परिशोध, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़, 1968 ई.
- पूर्वमध्यकालीन साहित्य में दुर्ग और स्कंधावार, शोध पत्रिका, साहित्य संस्थान, उदयपुर, वर्ष-20, अंक-3 (वर्णरत्नाकर के परिप्रेक्ष्य में)
- मध्यकालीनवर्णकों के छत्तीस दण्डायुधों का परिचय, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, वाराणसी, 74/3.
- आरंभिक मध्यकालीन धर्म-दर्शन : वर्णरत्नाकर का साक्ष्य, हिन्दुस्तान त्रैमासिक, हिन्दुस्तानी एकेडमी, इलाहाबाद
- पूर्वमध्यकालीन काव्य में प्रमुख राजवंश-वर्णन, सप्तसिंधु, भाषा-विभाग, हरियाणा, चण्डीगढ़, जुलाई, 1973 ई. (वर्णरत्नाकर के परिप्रेक्ष्य में)
- पूर्वमध्यकालीन भारतीय परिवेश में मिथिला, परिषद् पत्रिका, बिहार राष्ट्रभाषा, पटना, जुलाई-1966 ई., वर्ष-6, अंक-2
- प्राचीन एवं मध्यकालीन साहित्य में राज्याभिषेक-शब्दावली, विश्वभारती, शांतिनिकेतन (प. बंगाल), खण्ड-18, अंक 3-4, मार्च 1981 ई.
- वर्णरत्नाकर में वर्णित आभूषण, परिषद् पत्रिका (स्वर्णजयन्ती अंक), बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, वर्ष-24, अंक-3, अक्तूबर 1984 ई.
- वर्णरत्नाकरसदृश वर्णकग्रंथों की परंपरा (शोध पत्र), भारतीय हिन्दी परिषद्, औरंगाबाद, 2 जून, 1984 ई.
- मैथिली रामायण, हिन्दू विश्व, प्रयाग-211003, अधिक श्रावण, सं. 2042 वि.
- प्राचीन एवं मध्यकालीन मनोरंजन तथा आमोद-प्रमोद के साधन, (वर्णरनाकर का साक्ष्य), मैग्जिन, कालज ऑफ बेसिक साईंस, हिसार विश्वविद्यालय, 1986-90
- मिथिला से प्राप्त उमा-महेश्वर मूर्ति, इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस, मैसूर अधिवेशन, 1984 ई.
- मैथिली साहित्य में रामकाव्य, तुलसीदास, आध्यात्मिक सत्संग समिति, खेतान मशीन भवन, कृष्णा चौक, स्टेशन रोड, पटना, दिसंबर, 1996 ई.
- मिथिला से प्राप्त नवीनतम सूर्यमूर्ति का कला-सौष्ठव, आज, पटना, 20 दिसंबर, 1999 ई.
- वर्णरत्नाकर में उल्लिखित विवाह पद्धति में ज्योतिषशास्त्र की भूमिका, इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस, भोपाल अधिवेशन, 2001 ई.
- पूर्वमध्यकालीन मिथिला में अश्व का व्यापार : वर्णरत्नाकर का आधार, इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस, अमृतसर अधिवेशन, गुरू नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर
- वर्णरत्नाकर की पृष्ठभूमि, हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, 1953 ई.
- वर्णरत्नाकर का सांस्कृतिक अध्ययन, हिन्दी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़, 1964 ई.
- वर्णरत्नाकर में ʼऋष्याश्रमवर्णनाʼ, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद्, कोलकाता अधिवेशन, 2004 ई.
- वर्णरत्नाकर के आधार पर मध्ययुगीन कलाविवेचन, काशी नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, 2006 ई.
- वर्णरत्नाकर में कथित 64 कलाओं का तुलनात्मक विवेचन, नागरी पत्रिका, काशी नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, 2007 ई.
महावीर मन्दिर, पटना की पत्रिका धर्मायण में प्रकाशित
- भारतीय अस्मिता और अखंडता का सारस्वत स्रोत पौराणिक साहित्य, अंक 37
- आज के सन्दर्भ में साहित्यकार का दायित्व, अंक 38
- राष्ट्रीय अस्मिता और साहित्य, अंक 43
- भारतीय संस्कृति के विकास में हरियाणा और सरस्वती का योगदान, अंक 47
- ʼʼश्री गुरु-पद-नख-मनिगन-जोतीʼʼ, अंक 53
- निराला-साहित्य की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, अंक, 55
- विश्वविख्यात विचारकों की दृष्टि में हिन्दुस्तान और हिन्दुत्व, अंक 62
- प्राचीन हिन्दू-वैज्ञानिक विचारों की वैश्विक श्रेष्ठता, अंक 63
- भारतीय साहित्य में शक्ति की अभिव्यंजना, अंक 67
- व्यावहारिक वेदान्त के प्रतिष्ठाताः स्वामी विवेकानन्द, अंक 83
अन्यान्य
लगभग 300 समालोचनात्मक निबंध/कविता आदि (प्रकाशित)।
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक