सम्पादकीय “आश्विन मास, इतिहास तथा पुराणों के सन्दर्भ में” पण्डित भवनाथ झा

महावीर मन्दिर पटना के द्वारा प्रकाशित धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की पत्रिका ‘धर्मायण’ का आश्विन मास का अंक।
अंक संख्या 111। आश्विन, 2078 विक्रम संवत्। 21 सितम्बर से 20 अक्टूबर 2021ई. तक
प्रधान सम्पादक- आचार्य किशोर कुणाल। सम्पादक- पंडित भवनाथ झा।
महावीर मन्दिर के द्वारा वर्तमान में पत्रिका का केवल ऑनलाइन डिजटल संस्करण ई-बुक के रूप में निःशुल्क प्रकाशित किया जा रहा है।
प्रस्तुत अंक विषयों की विविधता से भरा हुआ है। इसमें भारत की शक्ति-उपासना, कृष्ण-उपासना, गणेश-उपासना, पितृ-उपासना, लक्ष्मी-उपासना तथा लोकदेवताओं की उपासना से सम्बन्धित प्रामाणिक सामग्री संकलित किये गये हैं। साथ ही, विशिष्ट आलेख के रूप में धर्म के स्रोतों पर विवेचन किया गया है।
सम्पादकीय आलेख- “आश्विन मास : इतिहास तथा पुराणों के सन्दर्भ में”- पण्डित भवनाथ झा
दुर्गा-पूजा प्रमुख रूप से आश्विन मास में मनाया जाता है। आश्विन के नवरात्र को वार्षिक-पूजन कहा गया है। यह एक सहज प्रश्न है कि आश्विन मास के साथ दुर्गा की उपासना का विशेष सम्बन्ध क्या है? साथ ही, दुर्गा का वाहन सिंह क्यों है? क्या इसका कोई खगोलशास्त्रीय तथ्य है? आश्विन मास में दुर्गा-उपासना की विशेषता पर अग्रतर शोध के लिए कुछ संकेत स्थापित किये गये हैं, जिनसे चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं।
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक