अन्य सकारात्मक विचार
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पं. जगदानन्द झा- यजुर्वेद, वाजसनेयि-माध्यन्दिन संहिता, अध्याय- 31-40
चतुर्वेद-मार्तण्ड, राष्ट्रपति-पुरस्कृत. जगदानन्द झा के स्वर में यजुर्वेद, वाजसनेयि-माध्यन्दिन संहिता, अध्याय- 31-40 -
महावीर मन्दिर समाचार, अप्रैल, 2021ई
महावीर मन्दिर, पटना के द्वारा अप्रैल, 2021ई. में कोरोना महामारी के संकट में अनेक प्रकार के जनहित कार्य किये गये हैं। इस वर्ष भी ... -
कबीर दास के गुरु कौन थे?
मोहसिन फानी 17वीं शताब्दी के एक इतिहासकार यात्री थे। उन्होंने सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह के साथ भारत का भ्रमण किया था। इस ... -
ईश्वर की शरणागति
शरणागति के इन सिद्धान्तों को भक्तिकाल के लगभग सभी कवियों ने स्वीकार किया है तथा अपने साहित्यों में स्थान देकर विस्तृत विवेचना भी की ... -
दशतारक किसे कहते हैं?
प्राचीन काल में हमारा जन-जीवन वर्षा पर निर्भर करता था। आर्द्रा नक्षत्र से हस्त नक्षत्र तक वर्षा का समय होता है। इन महींनों में ... -
मकर संक्रान्ति, 2021 ई.
मकर-संक्रान्ति, दिनांक 14 जनवरी, 2021 ई. के उपलक्ष्य पर आप सभी को शुभकामनाएँ। हमारा समाज भेद-भाव से ऊपर उठकर सनातन धर्म की गरिमा को ... -
अथ श्रीसर्वसंकष्टहरणं नाम हनुमत्-स्तोत्रम्
यह परम्परा से प्राप्त एक हनुमत् स्तोत्र है। महावीर मन्दिर के प्रकाशन विभाग में एक भक्त बहुत आस्था के साथ इसे लिखकर दे गये ...
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक