4. “महर्षयः सप्त पूर्वे”- डॉक्टर सुदर्शन श्रीनिवास शाण्डिल्य
श्रीमद्भगवद्गीता के 10वें अध्याय में भगवान् की विभूतियों के वर्णन-क्रम में सप्तर्षियों का विवेचन आया है- महर्षयः सप्त पूर्वे इत्यादि। यहाँ व्याख्याकारों ने अनेक प्रकार से सूची दी है। शङ्कराचार्य भृगु आदि सात महर्षि की गणना करते हैं तो श्रीधरस्वामी इसका सम्बन्ध सप्तर्षियों से मानते हैं। व्याख्याकारों में शङ्कराचार्य के मत को स्वीकार करते हुए प्रसिद्ध सप्तर्षि का यहाँ उल्लेख किया है। प्रस्तुत आलेख में सप्तर्षि, चार अन्य तथा 14 मनुओं का विस्तार से विवेचन प्रस्तुत है।
शाण्डिल्य, सुदर्शन श्री निवास (डा.), “महर्षयः सप्त पूर्वे”, धर्मायण, अक सं. 110, सप्तर्षि विशेषांक, महावीर मन्दिर पटना, भाद्रपद, 2078, (अगस्त-सितम्बर, 2021ई.), पटना, पृ. 26-29
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक