3. ऋषि : कृषि और ज्ञान-विज्ञान के प्रवर्तक- डॉ. श्रीकृष्ण “जुगनू”
सप्तर्षि हमारी ज्ञान परम्परा के व्यावहारिक पक्ष के प्रवर्तक रहे हैं। उन्होंने न केवल हमारी दिनचर्या, तथा समाजचर्या पर उपदेश किया बल्कि कृषि-विज्ञान, पर भी प्रकाश डाला। अनेक ऋषि वास्तु-शास्त्र, विमान-शास्त्र, कामशास्त्र आदि सभी मानवोपयोगी विषयों पर पद्धति का निर्धारण किया। भलें उनकी परम्परा परवर्ती काल में लिपिबद्ध की गयी हो, पर उऩकी विषयवस्तु स्वयं ऋषि-प्रोक्त हैं।
श्रीकृष्ण जुगनू (डा.), “ऋषि : कृषि और ज्ञान-विज्ञान के प्रवर्तक”, धर्मायण, अक सं. 110, सप्तर्षि विशेषांक, महावीर मन्दिर पटना, भाद्रपद, 2078, (अगस्त-सितम्बर, 2021ई.), पटना, पृ. 22-25
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक