2. ‘सप्तर्षिसम्मतस्मृति’ : एक अवलोकन- डॉ. ममता मिश्र दाश
स्मृति-ग्रन्थ भारतीय प्राचीन सामाजिक, नैतिक तथा दैनिक कर्तव्यों के लिखित दस्तावेज हैं। विडम्बना यह है कि इनमें से लिखित बहुत सारे उदार विचार 19वीं शती से लेकर आजतक अप्रचारित रहे तो दूसरी ओर अपनी इच्छा से श्लोक बनाकर स्मृतियों के नाम पर बाँटे गये। दोनों ही स्थितियों में हमें मूल को देखने की महती आवश्यकता है। इसके लिए हमें प्राचीन पाण्डुलिपियों को देखना होगा। पाण्डुलिपि शास्त्र की राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विदुषी ने यहाँ सप्तर्षि के नाम पर स्मृतियों की पाण्डुलिपियों का संकलन कर हमें शोध के लिए एक दिशा दी है।
मिश्र, ममता (डा.), “‘सप्तर्षिसम्मतस्मृति’ : एक अवलोकन”, धर्मायण, अक सं. 110, सप्तर्षि विशेषांक, महावीर मन्दिर पटना, भाद्रपद, 2078, (अगस्त-सितम्बर, 2021ई.), पटना, पृ. 11-21
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक