आलेख संख्या- 5. “कृष्ण-जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के साथ दुर्गा की पूजा”- लेखक श्री गिरिजानन्द सिंह
महावीर मन्दिर पटना के द्वारा प्रकाशित धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की पत्रिका ‘धर्मायण’ का आश्विन मास का अंक।
अंक संख्या 111। आश्विन, 2078 विक्रम संवत्। 21 सितम्बर से 20 अक्टूबर 2021ई. तक
प्रधान सम्पादक- आचार्य किशोर कुणाल। सम्पादक- पंडित भवनाथ झा।
महावीर मन्दिर के द्वारा वर्तमान में पत्रिका का केवल ऑनलाइन डिजटल संस्करण ई-बुक के रूप में निःशुल्क प्रकाशित किया जा रहा है।
प्रस्तुत अंक विषयों की विविधता से भरा हुआ है। इसमें भारत की शक्ति-उपासना, कृष्ण-उपासना, गणेश-उपासना, पितृ-उपासना, लक्ष्मी-उपासना तथा लोकदेवताओं की उपासना से सम्बन्धित प्रामाणिक सामग्री संकलित किये गये हैं। साथ ही, विशिष्ट आलेख के रूप में धर्म के स्रोतों पर विवेचन किया गया है।
आलेख संख्या- 5. “कृष्ण-जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के साथ दुर्गा की पूजा”- लेखक श्री गिरिजानन्द सिंह
कृष्णजन्म के ही काल में यशोदा के गर्भ से योगमाया भगवती का आविर्भाव हुआ था, जिसका संकेत दुर्गासप्तशती में भी है– नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भसम्भवा। ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी। इसी विन्ध्याचल-वासिनी ने शुम्भ और निशुम्भ का वध किया था। मिथिला की समन्वयात्मक परम्परा में श्रीकृष्णजन्माष्टमी के साथ दुर्गा की मूर्ति-पूजा की भी परम्परा प्राचीन काल से रही है। यहाँ बनैली राजपरिवार की इस परम्परा का पारिवारिक विवरण प्रस्तुत है।
सिंह, गिरिजानन्द, “कृष्ण-जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान् कृष्ण के साथ दुर्गा की पूजा”, धर्मायण, अक सं. 111, आश्विन अंक, महावीर मन्दिर पटना, आश्विन, 2078, (सितम्बर-अक्टूबर 2021ई.), पटना, पृ. 39-42.
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
महावीर मन्दिर प्रकाशन
धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक