रामायण की रचना के साथ जुड़े रामकथा के पूर्व-संकेत -प्रोफे. डॉ. वसन्तकुमार म. भट्ट

रामकथा की ऐतिहासिकता पर अनेक विदेशी विद्वानों ने प्रश्नचिह्न उठाकर हमारी भारतीय परम्परा को अर्वाचीन सिद्ध करने का प्रयत्न किया है। इनमें सबसे मुखर बेबर के मतों का खण्डन करते हुए विद्वान् लेखक ने यहाँ सिद्ध किया है कि वाल्मीकि रामायण के अयोध्याकाण्ड की घटना पूर्णतः ऐतिहासिक है तथा उसके बाद की घटनाओं का लेखन वाल्मीकि ने वैदिक परम्परा से प्राप्त कथानकों का उपयोग कर लिखा हो। किन्तु राम की ऐतिहासिकता पर कोई प्रश्नचिह्न नहीं उठाया जा सकता है।- सम्पादक
Full citation:
- Bhatta, Prof. Dr. Vasantkumar M. (2021), “raamaayan kee rachana ke saath jude raamakatha ke poorv-sanketa”, Dharmayan, (Monthly periodical) Mahavir Mandir, Patna, pp. 21-29.
- भट्ट, वसन्तकुमार एम. (2021), “रामायण की रचना के साथ जुड़े रामकथा के पूर्व-संकेत”, धर्मायण, (मासिक पत्रिका), महावीर मन्दिर, पटना, पृ. सं.- 21-29
- (Title Code- BIHHIN00719),
- धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की पत्रिका,
- मूल्य : पन्द्रह रुपये
- प्रधान सम्पादक आचार्य किशोर कुणाल
- सम्पादक भवनाथ झा
- पत्राचार : महावीर मन्दिर, पटना रेलवे जंक्शन के सामने पटना- 800001, बिहार
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महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक