भगवती-तत्त्व विमर्श- डा. सुदर्शन श्रीनिवास शाण्डिल्य

“जो श्रीकृष्ण, राम, शिव, गणेश, सूर्य की उपासना करते हैं वह इसी महाशक्ति की उपासना है। इसी प्रकार जो दुर्गा, लक्ष्मी, तारा, सरस्वती, विद्या, काली, षोडशी, आदि की उपासना करते हैं- वह उपासक भी इसी महाशक्ति की है। एतावता- जो जिस रूप की उपासना करते हैं उसे छोड़ने की आवश्यकता नहीं है- परन्तु उस उपासना में यह भाव अवश्य ध्यातव्य है कि मैं जिस नाम-रूप की उपासना करता हूँ वह सर्वरूपमय, सर्वदेवमय, सर्वशक्तिमय तथा सर्वोपरि है। नूनं नितरां एक की पूजा से सर्वपूजा, सर्वप्रसन्नता, सर्वकृपा संचारित होगी।
- Shandilya, Sudarshan Shrinivas, “bhagavatee-tattv vimarsh”, 2021, Dharmayan, Mahavir mandir, Patna, vol. 106, pp. 25-28.
- शाण्डिल्य, सुदर्शन श्रीनिवास, “भगवती-तत्त्व विमर्श”, 2021, धर्मायण, महावीर मन्दिर पटना, अंक सं. 106, पृ. 25-28.
- (Title Code- BIHHIN00719),
- धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की पत्रिका,
- मूल्य : बीस रुपये
- प्रधान सम्पादक आचार्य किशोर कुणाल
- सम्पादक भवनाथ झा
- पत्राचार : महावीर मन्दिर, पटना रेलवे जंक्शन के सामने पटना- 800001, बिहार
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महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक