अद्भुत-रामायण में मातृशक्ति सीताजी का अद्भुत स्वरुप- श्री महेश प्रसाद पाठक
रामकथा सम्बन्धी ग्रन्थों में सीता की महिमा के गायन के लिए ‘अद्भुत-रामायणʼ की रचना हुई। यद्यपि इसे भी वाल्मीकि-कृत मानने की परम्परा है, किन्तु इसका कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है। निःसन्देह यह परवर्ती रचना है, किन्तु सीता-तत्त्व पर केन्द्रित होने के कारण अत्यधिक प्रसिद्ध है। शिव की शक्ति काली के साथ सीता की एकात्मता का प्रतिपादन इसका केन्द्रीय कथ्य है। इस रामायण के आधार पर यहाँ सीता-तत्त्व प्रतिपादित किया गया है
- Pathak, Mahesh Prasad, “Adbhut-raamaayan Mein Maatrshakti Seetaajee Ka Adbhut Svarup”, 2021, Dharmayan, Mahavir mandir, Patna, vol. 106, pp. 7-11.
- पाठक, महेश प्रसाद, “अद्भुत-रामायण में मातृशक्ति सीताजी का अद्भुत स्वरुप”, 2021, धर्मायण, महावीर मन्दिर पटना, अंक सं. 106, पृ. 7-11.
- (Title Code- BIHHIN00719),
- धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की पत्रिका,
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महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक