अद्भुत रामायण की रामकथा- आचार्य सीताराम चतुर्वेदी

यह महावीर मन्दिर, पटना का सौभाग्य रहा है कि देश के अप्रतिम विद्वान् आचार्य सीताराम चतुर्वेदी हमारे यहाँ अतिथिदेव के रूप में करीब ढाई वर्ष रहे और हमारे आग्रह पर उन्होंने समग्र वाल्मीकि रामायण का हिन्दी अनुवाद अपने जीवन के अन्तिम दशक (80 से 85 वर्ष की उम्र) में किया वे 88 वर्ष की आयु में दिवंगत हुए। उन्होंने अपने बहुत-सारे ग्रन्थ महावीर मन्दिर प्रकाशन को प्रकाशनार्थ सौंप गये। उनकी कालजयी कृति रामायण-कथा हमने उनके जीवन-काल में ही छापी थी। उसी ग्रन्थ से रामायण की कथा हम क्रमशः प्रकाशित कर रहे हैं।
अद्भुत-रामायण की रचना सीता के माहात्म्य की दृष्टि से की गयी है। इसमें सीता को महेश्वर शिव की शक्ति काली के रूप में प्रतिपादित किया गया है। सहस्रबाहु रावण के वध के समय सीता का काली के रूप में प्रकट होकर विशाल रूप धारण करना इस रामायण का केन्द्रीय तत्त्व है।
- Chaturvedi, Sitaram. “adbhut raamaayan kee raamakatha”, 2021, (Reprint) Dharmayan, Mahavir mandir, Patna, vol. 106, pp. 54-59.
- चतुर्वेदी, सीताराम, “अद्भुत रामायण की रामकथा”, (पुनर्मुद्रित) 2021, धर्मायण, महावीर मन्दिर पटना, अंक सं. 106, पृ. 54-59.
- (Title Code- BIHHIN00719),
- धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना की पत्रिका,
- मूल्य : बीस रुपये
- प्रधान सम्पादक आचार्य किशोर कुणाल
- सम्पादक भवनाथ झा
- पत्राचार : महावीर मन्दिर, पटना रेलवे जंक्शन के सामने पटना- 800001, बिहार
- फोन: 0612-2223798
- मोबाइल: 9334468400
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महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक