1. चतुर्भुज दास कृत जगज्जीवनचरितम् (पाण्डुलिपि से प्रथम बार सम्पादन)- भवनाथ झा
![Research articles in Dharmayan vol.108](https://mahavirmandirpatna.org/dharmayan/wp-content/uploads/2021/07/Articles-Dharmayan-vol.-108.png)
राजस्थान स्थित गलता की सन्त परम्परा में जगजीवन दास नामक किसी वैष्णव सन्त की गौरवगाथा संस्कृत के इस लघु काव्य में निबद्ध है। इसके रचयिता चतुर्भुज दास हैं। इस अप्रकाशित संस्कृत काव्य का प्रथम बार यहाँ हिन्दी अनुवाद के साथ सम्पादन कर प्रकाशित किया जा रहा है।
सन्दर्भ-
- झा, भवनाथ, “चतुर्भुज दास कृत जगज्जीवनचरितम्”, धर्मायण, अंक 108, आषाढ़, 2078 वि.सं., जून-जुलाई, 2021 ई., महावीर मन्दिर, पटना, पृ. 3-11.
- Jha, Bhavanath, “Jagajjivancharitam by Chaturbhuja Das”, Dharmayan, Issue 108, Ashadh, 2078 V.S., June-July, 2021 AD, Mahavir Mandir, Patna, p. 3-11.
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक