2. भगवान् जगन्नाथ की अवधारणा का वैदिक-सूत्र- श्री अरुण कुमार उपाध्याय

भगवान् जगन्नाथ सनातन धर्मावलम्बियों के द्वारा पूजित हैं। इनकी पौराणिक कथा स्कन्द-पुराण के पुरुषोत्तम माहात्म्य में विस्तार से आयी है। लेकिन लेखक की मान्यता है कि ये पौराणिक कथाएँ वैदिक अवधारणाओं के विस्तारमात्र हैं। इनके स्रोत हमें खगोलीय घटनाओं और वैदिक कथाओं में मिल जाते हैं, और भारतीय कालगणना के अनुसार भगवान् जगन्नाथ की स्थापना का काल बहुत पीछे चला जाता है। इस आलेख के द्वारा गणित एवं भारतीय काल गणना के प्रख्यात विद्वान् लेखक ने अन्य पौराणिक कथाओं के एवंप्रकारक विवेचन का मार्ग प्रशस्त किया है।
सन्दर्भ
- उपाध्याय, श्री अरुण कुंमार, “भगवान् जगन्नाथ की अवधारणा का वैदिक-सूत्र”, धर्मायण, अंक 108, आषाढ़, 2078 वि.सं., जून-जुलाई, 2021 ई., महावीर मन्दिर, पटना, पृ. 12-19.
- Upadhyay, Shri Arun Kumar, “Vedic-Sutras of the Concept of Lord Jagannath”, (A paper in Hindi language), Dharmayan, Issue 108, Ashadh, 2077 Vs., June-July, 2021 AD, Mahavir Mandir, Patna, p. 12-19.
महावीर मन्दिर प्रकाशन
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धर्मायण, अंक संख्या 114, परमहंस विष्णुपुरी विशेषांक